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किसानों की नहीं उद्योगपतियों की है चिन्ता - अन्ना हजारे

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25 Feb 18
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किसानों की नहीं उद्योगपतियों की है चिन्ता - अन्ना हजारे
कोटा, के.डी. अब्बासी देश के जाने माने एवं सुविख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मीट-द-प्रेस कार्यक्रम में कोटा प्रेस क्लब में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह सरकार भी पिछली सरकार की तरह किसानों की नहीं उद्योगपतियों की चिंता कर रही है उन्होंने कहा कि इस सरकार को किसानों और लोकपाल बनाने के लिए 22 पत्र लिखे हैं जिसमें से एक का भी सरकार ने जवाब नहीं दिया इसलिये वह आगामी 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करने जा रहे हैं। इसी क्रम में अब कोटा के लोगों को जगाने और संगघित करने के लिये आये हैं। उन्होंने कहा कि उनकी 80 वर्ष की आयु है वह अभी तक 22 राज्यों में 31 सभायें ले चुके हैं उन्होंने कहा कि वह मरेगें तो भी समाज की सेवा करते हुए मरेंगे। उनका कहना था कि 22 वर्ष देश में 12 लाख किसानों ने आत्म हत्याऐं की है। उन्होंनें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी आरोप लगाया कि इन्होंने वादे तो बहुत किये लेकिन सरकार बनाने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया। अन्ना हजारे ने कृषि पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाने पर नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि किसानों का सामूहिक बीमा होने के स्थान पर किसानों का पर्सनल बीना होना चाहिये तभी किसानों को लाभ मिेगा उन्होंने कहा कि 60 वर्ष में गरीब किसान को पेंशन मिलनी चाहिये। उन्होंने प्रेस क्लब द्वारा भेंट किए गए प्रतीक चिन्ह पर प्रेस क्लब का आभार जताया।
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