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कविता की एक पंक्ति जिंदगी बदल देती हैः बालकवि बैरागी

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12 Nov 17
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कविता की एक पंक्ति जिंदगी बदल देती हैः बालकवि बैरागी उदयपुर। महाराणा लायन्स चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लायन्स क्लब महाराणा के सहयोग से महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय के ट्रोमा सेन्टर को गोद लेकर उसके सर्वांगण विकास हेतु में सहायतार्थ शनिवार को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आयोजित किये गय विराट हास्य कवि सममेलन में हास्य के ठहाकों ने गुलाबी सर्दी के बीच गर्मी का अहसास करा दिया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत कवित्रिी तिवारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर की।हास्य कवि अनिल अग्रवशी ने अपनी रचना पेश करते हुए कहा- हसंना-हसंाना आदत है मेरी,अपना बनाना आदत है मेरी,लोग मुंह फेर के आवाज दे बुलाना आदत है मेरी...,हास्य कवि राजेश चेतन ने रचना मनु रूप धरती पे आना किस्मत है,हिन्दुस्तान का आबोदाना किस्मत है,गुमसुम गुमसुम कब त यूं ही बैठोगे, ताली के साथ ताल मिलाना किस्मत है... पेश की तो श्रोताओं ने तालियों के साथ भरपूर दाद दी।
सब टीवी फेम कवि हिमंाशु बवडंर की रचना एसी की ठण्डक ना दे,बूझे बरगद की छंाव तो दे दें,कंकि्रटो के जंगल ना दे,बचपन वाला गांव तो दें दे, जर, जोरू, जमीन सब फिजूल है, मेरी मुझे मेरी मां के जन्नत वाले पंाव तो दें दे...ने सभी को आनन्दित कर दिया। श्रृगांर रस की कवियित्री मुमताज नसीम ने अपने गीत तुझे कैसे ईल्म हो न सका,बडी दूर तक यह खबर गयी,तेरे शहर की शायरा,तेरी आरजू में मर गयी... पर श्रोताओं ने वाह-वाह से मंच को गुंजायमान कर दिया। सूत्र्धार राव अजात शत्र्ु ने फिल्म पद्मिनी के विरोध पर निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली को सलाह दते हुए अपनी कविता पाठ करते हुए कहा -पन्ना बलिदान अमर तीरथ बारी भी याद नहीं,चंदन की चीखें गूंज रही,मांगी लेकिन फरियाद नहीं,अपने फिल्मी ड्रामे में थोडी सच्चाई गढ लेते,यदि चित्तौड को पढना था,पं. नरेन्द्र मिश्र को पढ लेते....को जनता ने तालियों के साथ भरपूर समर्थन दिया।
पद्मश्री कवि अशोक चक्रधर ने अपनी रचना में कहा कि जो मेहनत करी, तेरा पेशा रहेगा, न रेशम सहीं, तेरा रेशा रहेगा, अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने,तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा...सुनाकर तालियों की दाद लूटी। उन्होंने अपनी एक और कविता तू गर दरिदंा है तो से मसान तेरा है, अगर परिन्दा है तो आसमान तेरा है..., बाल कवि बैरागी ने अपनी रचना में कहा है करोडो सूर्य लेकिन सूर्य है बस नाम के, जो न इें,हमकों उजाला दे,भला किस काम के,जो रात भर लडता है उस दीप को दीजे दुआ,सूर्य से वो श्रे६ठ तुच्छ है तो क्या हुआ, वक्त आने पर मिला ले हाथ जो अंंधयार से,संबंध उनका कुछ नहीं है,सूर्य के परिवार से... सुनायी।
लखनउ की वीर रस की कवियित्री कविता तिवारी ने रचना में कहा अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिंदा है,तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है, न भा६ाण से है,एम्मीदें न वादों पर भरोसा है,शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिंदा है..सुनाकर सभी ने तालियों से स्वागत किया।
अशोक चक्रधर ने दिल्ली के हालात बताते हुए कहा कि आंखों में जलन, आंखे में नमी, कुछ-कुछ धुंआ-धुआं है, किसी ने कहा कहां हो अब तक दिल्ली में कहीं तो सभी श्रोताओं ने तालियों के साथ का भरपूर स्वागत किया। उन्हने कहा कि सरकरी अस्पतालों के हालात यह है कि यदि वहंा रोगी ठीक हो या न हो लेकिन उसके साथ जाने वाला जरूर बीमार हो जाता है..,कूडा फैलाने वाले कूडे का विस्तारण कर रहे है तो लायन्स क्लब उस कूडे का निस्तारण करने आगे आया है, कूडे को एक जगह इकठ्ठा नही कर उसका निस्तारण करना है, उससे बिजली उत्पन्न होती है।
बाल कवि बैरागी ने कहा हम सौभाग्यशाली है हमसे 6 व६ार् बढे करबी 93 व६ाीर्य गोपालास नीरज आज एक मात्र् हिन्दी का कवि जीवित है। यह ऐसा कवि है जिसे चार पीढयों ने उन्हें सुना है। यह हिन्दी का सौभाग्य है। इसमें शामिल होना प्रसन्नता की बात है। सरस्वती किसी को क्षमा नहीं करती है। वह या तो किसी को पंडित करती है, या किसी को दंडित करती है या किसी को महामंडित कर देती है।
क्लब अध्यक्ष लायन सी.एस.राठौड ने कवियों एवं आमंत्र्ति अतिथियों का स्वागत किया। सी.पी.शर्मा,प्रवीण सुथार, यूनिक इन्फ्रा के आर.एस.यादव का स्वागत किया। इस आयोजन से प्राप्त होने वाली धनराश का उपयोग जनसेवार्थ काम में लिया जाएगा।
संयोजक राजेश शर्मा ने कहा कि स्वच्छता के अभियान को नया रूप देने के लिये यह कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। क्लब सचिव अशोक माण्डावत, कार्यक्रम संयोजक अशोक जैन, विपिन लोढा,संजय कोठारी,राजीव भारद्वाज,अजय मेहता,योगेश चौधरी,चेतन चौधरी सहित अनेक सदस्यों ने कवियों का उपरना ओढाकर स्वागत किया।

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