उदयपुर। दीपोत्सव पर्व से ठीक पहले कपड़े, मिठाइयां, कंबल और जरुरत की कई चीजें पाकर जहां शहर के 120 निराश्रित और दिव्यांग बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट की फुलझडि़यां बिखर गईं तो उनके घरों में खुशियों के आतिशी चक्कर भी रोशन हो गए।
सबके घर रोशन हो खुशियों का दीया की अनूठी सोच लेकर दिवाली से पहले सोजतिया ज्वेलर्स ने सोमवार को शहर के विभिन्न दिव्यांग आश्रमों, कच्ची बस्तियों में जाकर वंचित बच्चों के साथ खुशियों का पर्व मनाया। इस दौरान इन बच्चों की माताओं को भी साडि़यां वितरित की गईं। समाजसेवी डॉ.रणजीतसिंह सोजतिया ने बताया कि दीपोत्सव एक-दूसरे के बीच उल्लास बांटने का पर्व है। ऐसे में कोई बच्चा दिवाली की चमक-दमक से दूर नहीं रहे, इसी सोच के साथ उनके बीच कंबल, कपड़े और मिठाइयां बांटी गईं। डॉ. महेन्द्र सोजतिया ने बताया कि इस दौरान बच्चों और उनके परिवाी की खुशियां दिखने लायक थीं। अचानक मिले उपहारों से वे अभिभूत हो गए । सामाजिक दायित्व (सीएआर) के निर्वहन के तहत छोटभ्-बड़ी कम्पनियों व स्वयंसेवी संस्थाओं समेत हर समृद्ध व्यक्ति को ऐसी कोशिश करनी चाहिए, तभी समानता की सोच साकार होगी। कार्यक्रम के दौरान रीना सोजतिया भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि सोजतिया ज्वेलर्स की ओर से हर वर्ष दिवाली से पहले इस आयोजन को किया जाता है। इसके पीछे एकमात्र सोच निराश्रितों और वंचितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उनके आत्मविश्वास जगाना है। साथ ही यह भाव भी जागृत करना है कि खुशियां तो बांटने से ही बढ़ती हैं ।
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