पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी प्रमुख अमित शाह के बेटे का बचाव करने के लिए आज अपनी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इसने इतने वर्षो में अर्जित अपने उच्च नैतिक आधार को खो दिया।
मोदी सरकार की वित्तीय नीतियों के कट्टर आलोचक पूर्व वित्त मंत्री ने द वायर के खिलाफ सौ करोड़ रपये की मानहानि याचिका पर भी आपत्ति जताईं जिसमें जय शाह के व्यवसाय पर एक आलेख प्रकाशित हुआ है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मीडिया की आवाज को दबाने के ऐसे प्रयास से बचा जा सकता था। सिन्हा ने अमित शाह के बेटे का केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा किए गए बचाव की तरफ इशारा करते हुए कहा,निश्चित तौर पर मैं कहना चाहूंगा कि जय शाह के बचाव में जिस तरह से एक केंद्रीय मंत्री आगे आए, वह उचित नहीं था। वह केंद्रीय मंत्री हैं न कि जय शाह के चार्टर्ड अकाउंटेंट।
उन्होंने उन विशिष्ट परिस्थितियों पर भी आपत्ति जताईं जिनके तहत अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता को द वायर के खिलाफ मानहानि के मामले में जय शाह की तरफ से मुकदमा लड़ने को मंजूरी दी गईं। सिन्हा ने कहा,इतने महीने और वर्षो में हमने जो उच्च नैतिक आधार बनाए थे, वे खत्म होते प्रतीत हो रहे हैं। बहरहाल उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह आलेख के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते जिसमें बताया गया है कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से जय शाह की कंपनी के कारोबार में काफी बढ़ोतरी हो गईं।
Source :