GMCH STORIES

स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आमूलचूल परिवर्तन

( Read 7205 Times)

26 May 16
Share |
Print This Page
स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आमूलचूल परिवर्तन उदयपुर, विश्वविद्यालय वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन महाविद्यालय आगामी सत्र से अपने स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में गजट में अधिसूचना जारी कर देश में प्रचलित सभी डिग्रियों के नामकरण में समरूपता स्थापित करने का प्रयास किया। अतः अब प्रत्येक विश्वविद्यालय को गजट में उल्लेखित नामकरण का ही प्रयोग करना होगा। इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय ने अपने स्वपोषित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के नामों में परिवर्तन किया है। यह जानकारी गुरूवार को वाणिज्य भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. जी. सोरल, सह अधिष्ठाता प्रो. रेणु जेठाना, लेखा एवं सांख्यिकी विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर एस. भाणावत तथा बैंकिंग एवं व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. पी.के. सिंह ने दी।
प्रो. जी. सोरल ने बताया कि लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग का मास्टर ऑफ फाइनेंस एवं कंट्रोल पाठ्यक्रम का नामकरण अब एम.कॉम (फाइनेंस एवं कंट्रोल) होगा। इसी तरह बैंकिंग एवं व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग के मास्टर ऑफ इंटरनेशनल बिजनैंस एवं मास्टर ऑफ बैंकिंग एवं इंश्योरेंस पाठ्यक्रमों के नामकरण क्रमशः एम.कॉम (इंटरनेशनल बिजनस) एवं एम.कॉम (बैंकिंग एवं इंश्योरेंस) होगा। व्यावसायिक प्रशासन विभाग का पाठ्यक्रम मास्टर ऑफ ह्यूमन रिसोर्स मेनेजमेंट का नामकरण अब एम.कॉम (ह्यूमन रिसोर्स डवलपमेंट) होगा। अब संपूर्ण देश में वाणिज्य एवं प्रबंध के क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री एम.कॉम या एम.बी.ए. के नाम से ही मिलेगी। इन चारों पाठ्यक्रमों म एम.कॉम नाम जुडने से राष्ट्रीय स्तर पर इनकी पहचान बनेगी। डिग्री के नामकरण में एकरूपता होने से रोजगार के बेहतर अवसर सृजित होंगे। इससे आम व्यक्ति एवं कारपोरेट जगत में संशय की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। सरकारी विभागों में भी इन पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों के आवेदन करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी और रोजगार प्राप्त करते समय विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम का परिचय नहीं देना होगा।
प्रो. रेणु जेठाना ने बताया कि आज पूरे देश में कौशल भारत की बहस छिडी हुई है इसी दिशा में लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग ने एक सार्थक प्रयास करते हुए लेखांकन के क्षेत्र में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया है। लेखांकन के क्षेत्र में मध्यम एवं निचले स्तर पर कुशल लेखाकारों की अत्यंत कमी है किंतु वर्तमान में कोई भी पाठ्यक्रम इस कमी को दूर नहीं कर पा रहा है। अतः बाजार की आवश्यकता को देखते हुए लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग ने त्रिवर्षीय बैचलर ऑफ वोकेशन (एकाउटिंग, टेक्सेशन एवं आडिटिंग) पाठ्यक्रम तैयार किया है जो इसी सत्र से लागू होगा। यह पाठ्यक्रम यू.जी.सी. के मानदंडों के आधार पर तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम को पूर्ण करने पर विद्यार्थियों को रोजगार मिलना तय है क्योंकि यह पाठ्यक्रम पूर्ण रूप से उद्योग जगत की आवश्यकता को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
प्रो. शूरवीर एस. भाणावत ने बताया कि यह त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम 6 समेस्टर में विभाजित होगा और कुल 30 पेपर होंगे। 30 पेपर में से 12 पेपर सामान्य शिक्षा के तथा 18 पेपर कौशल विकास के होंगे जो पूर्ण रूप से कम्प्यूटर लेखांकन लेबोरेटी में सिखाये जायेंगे। इस पाठ्यक्रम में तीन निकास द्वार भी निश्चित किये गये है अर्थात विद्यार्थी पाठ्यक्रम को बीच में छोडकर निकल सकता है। एक वर्ष की सफलतापूर्वक पढाई करने के पश्चात पाठ्यक्रम छोडने पर उसे डिप्लोमा (लेखांकन), दो वर्ष की सफलतापूर्वक पढाई करने के पश्चात पाठ्यक्रम छोडने पर विद्यार्थी को एडवांस डिप्लोमा (एकाउंटिंग एंड टेक्सेशन), तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बैचलर ऑफ वोकेशन (एकाउंटिंग टेक्सेशन एंड ऑडिटिंग) की डिग्री प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि कौशल विकास आधारित पेपर का अध्ययन कम्प्यूटर आधारित होगा तथा सेमेस्टर के अंत में परीक्षा भी कम्प्यूटर आधारित होगी। पाठ्यक्रम का माध्यम हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों होगा। कुल 180 क्रेडिट का पाठ्यक्रम होगा और एक क्रेडिट 60 मिनट के 15 कालांशों के बराबर होगा। यह पाठ्यक्रम स्वपोषित होगा और कुल 40 सीटें निर्धारित की गई हैं इसमें 10 पेमेंट सीट होगी। प्रवेश पूर्ण रूप से कक्षा 12 के अंकों के आधार पर दिया जाएगा।
प्रो. पी.के. सिंह ने बताया कि महाविद्यालय का चिरप्रतिक्षित बी.कॉम (ऑनर्स) पाठ्यक्रम भी अगले सत्र से प्रारंभ किया जा रहा है। दक्षिणी राजस्थान के अधिकतर मेधावी छात्र इस कोर्स को करने के लिए दिल्ली तथा अन्य बडे, शहरों की ओर रूख करते हैं। अब उनको यह सुविधा उदयपुर में भी उपलब्ध होगी। इस कोर्स का पाठ्यक्रम यू.जी.सी. द्वारा जारी किये गये पाठ्यक्रम के समान है। यही पाठ्यक्रम कुछ संशोधन के साथ देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में चल रहा है। इस तरह विद्यार्थी उदयपुर में रहते हुए राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम पढकर अपने केरियर को श्रेष्ठ बना सकते हैं।

This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines , Education News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like