GMCH STORIES

सभी सफलताओं का श्रेय मां को

( Read 7755 Times)

05 Sep 15
Share |
Print This Page
नई दिल्ली

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह ‘‘बेमिसाल शरारती लड़के’’ थे जो अपनी मां को परेशान किया करता था। प्रणब ने राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित एक स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों से कहा, ‘‘मेरी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक मेरी मां थीं। जैसा कि मैंने कहा है कि मैं बेमिसाल शरारती था। मैं अपनी मां के लिए एक परेशानी था.. दिनभर की शरारत और अन्य चीजों के बाद उनसे मुझे अच्छी खासी पिटाई खानी पड़ती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और उसके बाद वह आतीं और मुझे प्यार से दुलारतीं तथा पूछतीं कि मैंने सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक क्या काम किया है, जिसे मैं क्रमिक ढंग से बताता।’’ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षक की भूमिका में नजर आए प्रणब ने कहा कि माताएं सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होती हैं। उनकी बातों को भाव विभोर होकर सुन रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय के छात्रों से उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको बताना चाहिए कि आपकी मां सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।’’

पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के मिराती गांव में स्वतंत्रता सेनानी कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी के घर जन्मे प्रणब ने कहा कि उनके पिता का जीवन जेल से पार्टी कार्यालय के इर्द गिर्द गुजरा और उनकी देखभाल उनकी मां किया करती थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि वह अपने गांव के उन लड़कों के साथ रहते थे जो गाय चराने जाते थे और जो खेलते थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जैसे ही सूरज छिपता, मैं तुरंत घर भागता था क्योंकि गांव का लड़का होने के बावजूद मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता था।’’

राष्ट्रपति ने छात्रों के ठहाकों के बीच कहा, ‘‘मैं एक शरारती लड़का था। मैं लगातार अपनी मां को परेशान करता रहता था। मुझे यकीन है कि आप में से कोई भी इतना शरारती नहीं रहा होगा।’’ भारत के राजनीतिक इतिहास पर अपनी एक घंटे की क्लास में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज मैं कोई मंत्री या राष्ट्रपति नहीं हूं। मैं केवल आपका मुखर्जी सर हूं।’’ प्रणब ने कहा कि वह मेधावी छात्र नहीं थे। ‘‘मैं महज एक औसत छात्र था। मुझे अपने स्कूल के लिए पांच किलोमीटर चलना पड़ता था और मैं दूरी के बारे में अपनी मां से शिकायत करता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह मुझे बताती थीं कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और हमेशा मुझे कठिन परिश्रम की सलाह देतीं।’’

अपने कॉलेज के प्राचार्य को याद करते हुए प्रणब ने कहा कि वह एक अच्छे वक्ता थे जिन्होंने ‘‘इतिहास और अंग्रेजी में मेरी रुचि’’ सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, ‘‘जूलियस सीजर का वर्णन करते समय हमारे शिक्षक ब्रूटस (जिसने सीजर का कत्ल किया), एंटोनी और सीजर की भूमिका निभाया करते थे।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह इतने सुंदर तरीके से किया गया कि अगले दो वर्षों में मैंने विलियम शेक्सपीयर की आधी किताबें पढ़ लीं।’’ उन्होंने संकेत दिया कि किताबों में छात्रों की रुचि जगाना शिक्षकों का दायित्व है।

कक्षा आयोजन का विचार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का था और आज का कार्यक्रम दिल्ली सरकार के कार्यक्रम ‘बी ए टीचर’ का हिस्सा था जहां कला, संस्कृति, खेल, कारोबार, राजनीति और नागरिक सेवाओं जैसे विभिन्न तबकों से ताल्लुक रखने वाली हस्तियां क्लास लेती हैं और छात्रों को जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं।
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like