यी दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। जिसके बाद मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। इस प्रस्ताव के खारिज होने की वजह प्रस्ताव में 7 रिटायर्ड सांसदों के हस्ताक्षर का होना बताया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने महाभियोग प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित बताया है। बता दें कि खुद कांग्रेस महाभियोग प्रस्ताव को लेकर एक नहीं था जिसके बाद ये बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था। नायडू अगर इस नोटिस को स्वीकार करते हैं तो प्रक्रिया के नियमों के अनुसार विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए उन्हें न्यायविदों की तीन सदस्यों की एक समिति का गठन करना होगा।
राज्यसभा के सभापति को नोटिस सौंपने के बाद विपक्षी दलों ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था। नोटिस की समीक्षा करते हुए राज्यसभा के अधिकारियों ने जिक्र किया कि सभापति द्वारा नोटिस को स्वीकार करने से पहले इसे सार्वजनिक करना संसदीय नियमों का उल्लंघन है। राज्यसभा सदस्यों के लिए प्रावधानों के मुताबिक सदन में रखे जाने वाले नोटिस को सभापति द्वारा स्वीकार करने से पहले इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए। सीजेआई के खिलाफ प्रस्ताव लाने के कारण कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।
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