घाटोल-सरस्वती विद्या मन्दिर सी.सै. स्कूल, उदाजी का गडा, घाटोल में विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा के पुरस्कार वितरण समारोह का शुभारम्भ श्री हरिओम शरण दास जी महाराज ने दीप प्रजवल्लित कर किया। घाटोल डी.एस.पी. श्री प्रवीण कुमार जी सुन्डा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जिनको प्रतीक चिन्ह देकर संस्था निदेशक श्री महेन्द्र जी पुरोहित ने सम्मानित किया। उन्होने प्रतिभागियो एवं गणमान्य नागरिकों को सम्बोधिकत करते हुये कहां कि ऐसी प्रतियोगिताये जिला स्तर पर एवं संभाग स्तर पर बार-बार होती रहे जिससे प्रतिस्पर्धा भाव का विकास हो एवं वागड क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पा सके और प्रतिभाये अपनी पहचान बना सके। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रातः ८.०० बजे सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान से किया गया। समारोह में लगभग सभी प्रतिभागियों ने पुरस्कार प्राप्ति हेतु उपस्थित होने में बडा अद्वितीय उत्साह दिखाया। समारोह में हजारो की संख्या में प्रतिभागियों एवं अभिभावकों के आने का ताता लगभग ४.०० बजे तक लगा रहा।
सर्वप्रथम संस्था द्वारा भूतपूर्व विद्यार्थियों को पुरस्कृत और सम्मानित किया जिन्होने वागड क्षेत्र को डॉक्टर बनकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। ये प्रतिभागी-दिपेश खराडी पुत्र श्री लक्ष्मण खराडी, लक्ष्मी गरासिया पुत्री श्री दौलत सिंह गरासिया, सेवालाल निनामा पुत्र श्री प्रभुलाल निनामा , रामलाल मईडा पुत्र श्री राजेन्द्र मईडा एवं हितेश मीणा पुत्र श्री गौतम लाल मीणा जिनको संस्था निदेशक श्री महेन्द्र जी पुरोहित ने स्मृति स्वरूप विद्यालय प्रतीक चिन्ह और उनके चिकित्सकीय उपकरण देकर सम्मानित किया।
दिये गये ८ लाख ६० हजार रूपये के पुरस्कार एवं छात्रवृतियाः-
विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा में लगभग दौ सौ रेक के समस्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। जिसमे प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह एवं ८ लाख ६० हजार रूपये के नकद पुरस्कार एवं छात्रवृतियां प्रदान की गई। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी भूपेन्द्र सिंह चौहान पुत्र श्री मोहन सिंह चौहान निवासी चौहानो की घाटी, सालमगढ को एक लाख एक हजार रूपये ;५००० नगद एवं ९६००० छात्रवृतिद्ध, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी संदीप खैर पुत्र श्री गौतम खैर निवासी बालावाड को पच्चीस हजार रूपये ;४००० नगद एवं २१००० छात्रवृतिद्ध, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी हार्दिक डामोर पुत्र श्री राकेश डामोर निवासी आसापुरा को ईक्कीस हजार रूपये ;२००० नगद एवं १९००० छात्रवृतिद्ध, चतुर्थ पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागी कृष्ण कान्त डिन्डोर पुत्र श्री भानजी डिन्डोर निवासी चोर परनाला को सतरह हजार रूपये ;२००० नगद एवं १५००० छात्रवृतिद्ध एवं पंचम पुरस्कार ग्यारह हजार रूपये ;१००० नगद एवं १०००० छात्रवृतिद्ध प्राप्त करने वाले दो प्रतिभागी रहे जो क्रमशः गौरव लोहार पुत्र श्री रामप्रसाद लोहार निवासी अरनोद एवं रीना गरासिया पुत्री श्री लालू गरासिया निवासी सरेडी भिलान को प्रदान किया गया।
विद्यालय निदेशक श्री महेन्द्र जी पुरोहित ने विद्यालय में आये हुये समस्त अभिभावकों एवं गणमान्य नागरिकों का आभार व्यक्त किया और विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया साथ ही महाराज श्री हरिओम शरण दास जी महाराज का मुख्य अतिथि के रूप में दुशाला ओढाकर सम्मान किया। उन्होने अपने सम्बोधन में विद्यालय में संचालित गतिविधियों एवं उपलब्धियों का वर्णन करते हुये कहा कि विद्यालय अनुशासन से ही सर्वोच्छता के शिखर पर पहुंचा है। जो विद्यार्थी अपने विद्यार्थी जीवन में अनुशासित रहते हुये स्वाध्यायरत रहता है वह असंभव को भी संभव बना सकता है। उन्होने कहा कि
पानी को बर्फ बनने में वक्त लगता है,
ढले हुये सूरज को निकलने में वक्त लगता है
थोडा धीरज धर, थोडा जोर और कर
किस्मत के जंग लगे दरवाजे खुलने में वक्त लगता है
और लगातार मेहनत करने की बात कही।
समारोह का समापन महाराज श्री हरिओम शरण दास जी के आशीर्वाद वचनो के साथ हुआ। महाराज श्री ने कहां कि निरन्तर मेहनत एवं परिश्रम का फल सदैव मीठा होता है। अतः सभी मानव समय-समय पर उचित निर्णय लेकर सदैव मेहनत करे तो जीवन सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हो जायेगा। फलतः सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक परिश्रम करे और सफलता प्राप्त करें।
कार्यक्रम के समापन के बाद सभी अभिभावकों एवं प्रतिभागियों ने गुरूजी की प्रसादी प्राप्त करके प्रस्थान किया। कार्यक्रम को इतनी धुमधाम एवं उत्साह से मनाया गया कि प्रत्येक व्यक्ति अति-उत्साहित नजर आया। जब छात्रों को पुरस्कृत किया जा रहा तो अभिभावको के चेहरो पर खुशी की लहर दोड रही थी।
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