डूंगरपुर छोटा परिवार सुख का आधार’ इस बात की समझाईश के लिए जनजाति जिले डूंगरपुर में जिला प्रशासन के निर्देशन में चिकित्सा विभाग की ओर से पूरे जिले के गांव-गांव में आयोजित किए जा रहे हैं, सास-बहू सम्मेलन।
इन सम्मेलनों का मुख्य उदेश्य सास एवं बहू को एक साथ, एक मंच पर लाकर परिवार नियोजन के लिए जागरूक करना है। इसके साथ ही परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी देते हुए इन साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है।
सीएमएचओ डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि हमारी सामाजिक व्यवस्थाओं में परिवार का बडा महत्व है और उनमें भी विशेषकर घर की बडी एवं बुजुर्ग कही जाने वाली महिलाओं का । ऐसे में परिवार की बहू के निर्णय कही न कही सास अथवा घर की बुजुर्ग महिलाओं की विचारधाराओं से प्रभावित होते है। विशेषकर परिवार नियोजन जैसे मुद्दे पर सास और बहू की आपसी समझ काफी महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस रिश्ते की परिवार नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत जिले भर मे सास-बहू सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
इन सम्मेलनों के दौरान सास-बहू के बीच परिवार नियोजन के विचारों पर तालमेल बिठाने मंे, उन्हें सीमित एवं छोटे परिवार के लाभ बताने और परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने में क्षेत्र की आशा व एएनएम मुख्य भूमिका निभा रही है । डूंगरपुर जिले में सोमवार से प्रारम्भ इन सम्मेलनों के प्रथम दिन ही सास एवं बहुओं ने बडे ही उत्साह के साथ भाग लिया।
पहली बार परिवार नियोजन पर अपनी बात रखने के लिए महिलाओं को मिला मंच:
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामस्वरूप वर्मा ने बताया कि अमूमन परिवार नियोजन जैसे मसलों पर महिलाएं खुलकर बात नही कर पाती। विशेषकर हमारे इस क्षेत्र में परिवार नियोजन के बारें में बात करने में महिलाएं हिचकिचाती-झिझकती है। उनके मन में परिवार नियोजन के लिए अपनाने वाले साधनों के बारें में जो आशंकाएं, प्रश्न अथवा जिज्ञासाएं है, वे किसी से कह नही पाती और ना ही उनको उनकी शंकाओं का समाधान मिल पाता है। ऐसे में इन सम्मेलन में आई महिलाओं को जब आशाओ एवं एएनएम द्वारा परिवार नियोजन के मुद्दे पर आने वाली परेशानियों के बारें में पुछा गया तो पहली बार महिलाओं ने अपनी बात कहने का अवसर और साथ पाकर इस संबंध में आने वाली तमाम परेशानियों, जिज्ञासाओ एवं प्रश्नों को मुखरता के साथ बताया तथा एएनएम-आशाओं ने भी उनके सभी प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी आशंकाओं का समाधान किया।
प्रेरित हो सासुओं ने दी बहुओं को परिवार नियोजन अपनाने की सलाह:
डूंगरपुर जिले के कई गांवों में आयोजित हो रहे सम्मेलन के प्रथम दिन के दौरान ही उत्साहजनक वाकियात देखने को मिले। जब सम्मेलन में आई कुछ सास परिवार नियोजन अपनाने की समझाईश से इतनी ज्यादा प्रेरित हुई कि परिवार को छोटा और सुखी रखने के लिए की उन्होंने सम्मेलन में ही अपनी बहु को परिवार नियोजन के साधनो को अपनाने की प्रेरणा दे डाली।
इन विषयों पर होगी चर्चा:
जिला आईईसी समन्वयक सुश्री उषा फुलवारी ने बताया कि डूंगरपुर जिले में 30 सितंबर तक चलने वाले सास-बहू सम्मेलन में एएनएम व आशा द्वारा सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनो के बारें में चर्चा कर सास-बहू को सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी वही परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई साधन अपनाने हेतु नजदीकी चिकित्सा संस्थानों पर उपलब्घ सेवाओं की भी जानकारी दी जाएगी।
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