मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट, फोटो वायरल करने पर कार्रवाई होगी
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13 Mar 18
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जिले के भदेसर में 5 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगाई है। रोंगटे खड़े कर देने वाले इस मामले को मुख्यमंत्री राजे खुद देख रही हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि वे सोमवार को जयपुर जाकर सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगी। बच्चियों के साथ रेप को लेकर नए नियम के तहत दुष्कर्मी को फांसी की सजा हो सकती है। सीएम ने पुलिस को भी निर्देश दिए हैं कि केस को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाएं। शर्मा रविवार को सुबह 10 बजे आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बाल चिकित्सालय में भर्ती दरिंदगी की शिकार मासूम की हालत देखने पहुंचीं। शर्मा ने कहा कि बच्ची की हालत में सुधार हो रहा है।
-उन्होंने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों के फोटो वायरल कर देने के मामले में राज्य महिला आयोग महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत, भदेसर के पूर्व प्रधान व कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह चुंडावत और शिवसैनिकों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। अति संवेदनशील मामले में लापरवाह सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- मामले में आयोग सदस्य कुमावत को जयपुर तलब किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि कुमावत की सदस्यता जाना तय है। इसके साथ कांग्रेस व शिवसेना पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
बच्ची की पूरी शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी : महिला आयोग
राज्य महिला अायोग की अध्यक्ष शर्मा ने बताया कि बच्ची व परिजनों कोे हर संभव मदद किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने परिजनों को चार लाख की आर्थिक सहायता की है। संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा को भी कहा गया है कि इन्हें हर तरह की सुविधाएं देने के लिए तत्पर रहें। बच्ची को पढ़ाने-लिखाने का जिम्मा भी सरकार उठाएगी।
भास्कर ने पूछा तो बोले - गलती हो गई
शुक्रवार को बच्ची की हालत देखने अस्पताल पहुंचीं महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत ने मासूम और उसकी मां की तस्वीर ईमेल से मीडिया में सार्वजनिक कर दी थी। यही नहीं भदेसर के पूर्व प्रधान व कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह चुंडावत ने भी बच्ची और उसकी मां और शिवसेना ने भी बच्ची की मां की फोटो मय प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिए थे। मामले को लेकर भास्कर ने सभी से सवाल किए तो तीनों ने कहा कि गलती हो गई।
ऐसा करने पर 2 साल तक की सजा हो सकती है
दुष्कर्म पीड़ित की पहचान उजागर करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 228ए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसमें दो वर्ष के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
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