तीन दिन के शिविर में दिए समीक्षण ध्यान योग के टिप्स
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19 Sep 17
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चित्तौड़गढ़ | बापूनगर सेंती स्थित अरिहंत भवन में साधुमार्गीय संघ की साध्वी मनोरमाश्रीजी के सानिध्य में तीन दिवसीय ध्यान शिविर संपन्न हो गया। शिविर में श्रीनानेश ध्यान केन्द्र उदयपुर के डाॅ. सत्यनारायण शर्मा ने ध्यान की उपयोगिता और लाभ पर विस्तार से जानकारी दी। प्रथम दिन क्रोध पर काबू पाने, दूसरे दिन अहंकार पर विजय प्राप्त करने और तीसरे दिन सोमवार को तनावमुक्त जीवन जीने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि तनाव पैदा होने के अनेक कारण है किंतु मुख्य कारण कुछ मन के अनुकूल नहीं होना है। तनाव से हमारा रक्तचाप बढ जाता है। आवश्यकता अनुसार आॅक्सीजन नहीं मिलने से ह्दयरोग, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों से शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है। समीक्षण ध्यान योग से हम मन को एकाग्र कर नकारात्मक विचारो को मन मस्तिष्क से हटा सकते हैं। मस्तिष्क ध्यान के द्वारा निर्मल रहेगा तो संपूर्ण शरीर पर उसका अनुकूल प्रभाव पडेगा। उन्होंने तीनों दिन स्वस्थ्य रहने के लिए चोटी से एड़ी तक योग क्रियाएं भी कराई। संचालन मंत्री विमलकुमार कोठारी ने किया।
विनय धर्म का मूल है और जब मन में अहंकार उत्पन्न हो जाता है तो विनय नही रहता। ऐसी स्थिति में हम धर्म के मूल से अलग-थलग हो जाते है। अहंकार स्वीट पोइजन के समान है, जो मीठा लगता है किंतु सम्पूर्ण जीवन को अवगुणों की ओर धकेल देता है। अहंकार चाहे पद का, धन का या उम्र का सभी प्रगति में बाधक है।
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