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अहंकार आध्यात्म की राह में बाधक - मानव

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08 Dec 16
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अहंकार आध्यात्म की राह में बाधक - मानव उदयपुर, नारायण सेवा संस्थान के सेवामहातीर्थ में चल रहे ’मानव मन के बोल’’अपनों से अपनी बात’ व भजन-सत्संग कार्यक्रम में संस्थापक कैलाश मानव ने रोगी बंधूओं से चर्चा करते हुए कहा कि अहंकार एक ऐसा जहर है, जिसके कारण मनुष्य के मन में काम-क्रोध, लोभ-मोह जैसे बुरे विचार जन्म लेते हैं, अहंकार मानव को मानव का शत्रु बना देता है, इसलिए अहंकार से दूर रहें। बुरे विचारों को उत्पन्न न होने दें। मनुष्य के मन में अहंकार आध्यात्म की राह में बाधक होता है। जितना हो सके सहज व सरल हृदय बनने की कोशीश कर।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने चर्चा में कहा कि जब मनुष्य किसी दुःख तकलीफ में होता है, जब मुश्किल समय पर कोई साथ नहीं देता, तो धैर्य न खोएं। उस समय मनुष्य प्रभु के सबसे निकट रहता है, उन पर विश्वास रखें।’’ उन्होंने आगे कहा कि बिना किसी स्वार्थ के किया गया त्याग व बलिदान ही सच्चा परोपकार है, इसका फल भविष्य में हमें सकारात्मक ही मिलता है। सदैव अच्छे लोगों की संगत में रहें, मुर्खतापुर्ण बातों पर न विश्वास करें न उनका पालन करें।
कार्यक्रम म दिल्ली से आए भजन गायक अशोक कृष्ण ठाकुर जी व उनकी टीम न ’’मूक्ति का कोई तु जतन कर ले, रोज थोडा-थोडा हरि का भजन कर ले’’ और मोहन से दिल क्यों लगाया, ये मैं जानू या वो जाने’’ जैसे सुंदर भजनों की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दोपहर ३ से सायं ६ बजे तक आस्था चैनल पर हुआ जिसका संचालन ओम पाल सीलन ने किया।

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