उदयपुर। निवेशकों को कम लागत वाले पैसिव फंड में निवेश हेतु आकर्षित करने के लिहाज से डी.एस.पी. ब्लैक रॉक का म्यूचल फंड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनिल घेलानी ने पत्रकार वार्ता में बताया की एक्टिव म्यूचल फंड के अलावा पैसिव म्यूचल फंड में निवेश करना अधिक लाभकारी सिद्ध होता हे।
वर्तमान में भारत में म्यूचल फंड एवं इक्विटी बाजार 22 लाख करोड़ का हे, जो तीव्र वृद्दी कर रहा हे, क्योंकी भारत में जीडीपी के अनुपात में म्यूचुअल फंड वर्तमान में एकल अंकों में है जबकि अमेरिका जैसे बाजारों में यह 100 प्रतिशत से भी अधिक है।
घेलानी के अनुसार डी.एस.पी. पेसिव फंड में निफ्टी की 50 बेंच कम्पनियो में प्रति कं. 2 प्रतिशत राशि के हिसाब से निवेशक की पूंजी निवेश की जाती हे। इस तरह के म्यूचल फंड शुरू करने के बारे में काफी रिसर्च करने के बाद हमने यह पेसिव फंड गत वर्ष अक्टुम्बर में शुरू किया था जिसमे करीब 20,000 निवेशकों का अभी तक 150 करोड़ रु. निवेश हो चूका हैं।
घेलानी ने बताया की जब हमने अपना पहला पैसिव फंड, डीएसपी ब्लैकरॉक इक्वल निफ्टी 50 फंड लॉन्च किया, तो हमने निवेशक के पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप इक्विटी तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से इसे "कॉम्प्लिमेंट्री" का दर्जा दिया और इसे प्रतिस्पर्धात्मक रणनीति के रूप में नहीं रखा।
घेलानी के अनुसार विभिन्न वैश्विक सलाहकारों और शोध संस्थाीनों के अनुमानों के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि 2025 तक पैसिव निवेश कुल एयूएम का लगभग 25% या लगभग 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।
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