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नीतिगत दर को यथावत रख सकता है RBI

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13 Mar 18
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खुदरा मुद्रास्फीति में फरवरी में गिरावट के बावजूद 2018 में रिजर्व बैंक की प्रमुखब्याज दर में कटौती की संभावना नहीं है। वित्तीय सेवा कंपनियों के विश्लेषकों ने यह बात कही है। उनका कहना है कि इस बार के बजट में खाद्यानों के लियेऊंचा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देनेका जिस तरह का वायदा किया गया है उससे मुद्रास्फीतिबढ़ सकती है। जापान कीब्रोक रेज कंपनी नोमुरा ने कहा किरिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति निर्धारण समिति के लिये यह‘ चुनौतीपूर्णसमय’ है। एमएसपीसे महंगाई बढ़ने का जोखिम है, और दूसरी तिमाही से अगर मुद्रास्फीति बढ़नी शुरू होती है, शीर्ष बैंकउसके खिलाफ अधिक आक्रम रुख अपना सकता है।


नोमूरा का अनुमान है, कि 2018 मेंरिजर्व बैंक की नीतिगत दरें यथावत रहेंगी। इसका मुख्य कारण बैंक क्षेत्र में जोखिम हैं और सतत वृद्धि के रास्ते में एक खतरा बना हुआ है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि जारी महंगाई दर के आंकड़े में सुधार है लेकिन अगले छह महीने में केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम है। उसका अनुमान है कि खपत मांग में वृद्धि, आवास किराया भत्ता की समीक्षा कच्चे तेल के दाम में तेजी से वित्त वर्ष 2018-19 में मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.6 प्रतिशत रहेगी।

यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने भी कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में अगले कुछ महीनों में वृद्धि होने के आसार हैं और यह 2018-19 में4.7 प्रतिशत रह सकता है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक आने वाले वित्त वर्ष में नीतिगत दर को बरकरार रख सकता है। स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार मुख्य मुद्रास्फीति 2018-19 में 3.6 प्रतिशत रह सकती है। वहीं 2017-18 में इसके 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान था।
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