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फर्जी आधार बनाने पर 49000 आपरेटर ब्लैकलिस्टेड

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13 Sep 17
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फर्जी आधार कार्ड बनाने के गिरोह का भंडाफोड हुआ है। यूआईडीएआई ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उसकी तकनीक पण्राली को कुछ असामान्य गतिविधियों का पता चला जिसके बाद यूपीएसटीएफ की मदद से नकली आधार कार्ड बनाने की साजिश को नाकाम किया गया।
बता दें कि शनिवार को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने फर्जी आधार बनाने के आरोप में कानुपर से 10 लोगों को गिरफ्तार किया था।भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि कुछ अनैतिक तत्वों द्वारा नामांकन प्रक्रि या के लिए आपरेटरों के लॉगिन का दुरुपयोग करने के मामले सामने आए थे। जिसके बाद एसटीएफ को जांच सौंपी गई थी। इस मामले में 16 अगस्त को एसटीएफ के सामने शिकायत दर्ज कराई थी। यूआईडीएआई ने कहा, ‘‘हमारी तकनीकी पण्राली बहुत मजबूत है। जिसकी वजह से नामांकन प्रक्रि या में कुछ विसंगतियों और असामान्य गतिविधियों का पता चला था। यूआईडीएआई ने इस मामले पर संज्ञान लिया और यूपी एसटीएफ के समक्ष इस तरह के ऑपरेटरों और नामांकन एजेंसियों पर कानूनी कार्वाई करने के लिए शिकायत दर्ज कराई। वहीं, यूपी एसटीएफ ने अपने बयान में कहा, ‘‘अपराधी उंगलियों के निशान और आंख की पुतलियों के स्कैन का क्लोन बनाने में कामयाब रहे थे। आईजी अभिताभ यश और डीआईजी मनोज तिवारी के नेतृत्व वाली टीम ने बताया कि गिरोह आधार कार्ड बनाने में सफल रहा था।’ हालांकि, यूआईडीएआई ने कहा कि उनकी मजबूत पण्राली ने फर्जी आधार कार्ड बनाने के प्रयास को नाकाम कर दिया था और गिरफ्तार हुए अपराधी अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए थे।यूआईडीएआई ने कहा कि अगर आपरेटर या सुपरवाइजर के इस साजिश में शामिल होने की जानकारी मिलती है तो उसे 5 साल के लिए काली सूची में डाल दिया जाएगा। इसके अलावा पचास हजार रपए जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। प्राधिकरण ने कहा, ‘‘यूआईडीएआई की स्थापना के बाद से यूआईडीएआई प्रक्रि याओं के उल्लंघन के लिए 49, 000 से अधिक ऑपरेटरों को काली सूची में डाला गया है।’प्राधिकरण ने कहा कि दिसंबर 2016 से लेकर अब तक 6,100 से अधिक घटनाओं पर 10,000 रपये प्रति घटना दंड लगाया गया है। वहीं, जुलाई 2017 से इस तरह की 466 घटनाएं सामने आई हैं और प्रत्येक घटना के लिए 50,000 रपए जुर्माना लगाया गया है।
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