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हिन्दुस्तान जिंक का रिकॉर्ड खनित धातु एवं चांदी उत्पादन

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18 Aug 17
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हिन्दुस्तान जिंक का रिकॉर्ड खनित धातु एवं चांदी उत्पादन उदयपुर(पवन कौशिक)वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चाँदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के प्रधान कार्यालय के सभागार में कंपनी की ५१वीं वार्षिक आम बैठक शुक्रवार को सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष श्री सुनील दुग्गल ने कहा कि वित्तीय वर्ष २०१७ में कम्पनी का रिकॉर्ड निष्पादन रहा है जबकि वर्ष के दौरान रिकॉर्ड खनित धातु एवं चांदी उत्पादन हुआ।

श्री सुनील दुग्गल ने शेयरधारकों को बताया कि दुनिया की प्रशंसनीय जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी बनने के विजन के साथ कंपनी ने सभी इनोवेशन के रास्ते अपनाएं है। गतवर्ष कंपनी ने डिजिटलाईजेशन की नींव रखी थी। कंपनी की खदानों का तेजी से विस्तार के लिए बेस्ट-इन-क्लास उपकरणों हेतु आदेश तथा सुरक्षा, मानव संसाधन, कॉमर्शियल में विभिन्न आधुनिक तकनीकी का क्रियान्वयन किया है। कंपनी में तेजी से बदलाव के लिए परिवहन प्रबन्धन प्रणाली - आई.टी.एम.एस २.० का क्रियान्वयन भी प्रारम्भ कर दिया है।

इस वर्ष, कंपनी ने सिन्देसर खुर्द खदान में सुरक्षा एवं उत्पादकता में उत्कृष्टकता हासिल करने के लिए खदान का डिजिटलाईजेशन सहित आधुनिक तकनीकों से संपत्तियों के वास्तविक समय की ट्रैकिंग, भूमिगत आवागमन नियंत्रण, ऑडियो एवं वीडियो, संचार, उपकरणों का रखरखाव के लिए उपयोग किया है। विभिन्न परियोजनाओं जैसे प्रतिप्राप्ति में सुधार, डेटा विश्लेषण, सेल हाउस दक्षता में सुधार, खरीद, विपणन एवं लोगों के व्यवहार की उत्कृष्टता से विश्व की सर्वश्रेष्ट कंपनियों के साथ कार्य करेंगे।

श्री सुनील दुग्गल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि कंपनी उत्कृष्टता और स्थिरता की ओर आगे बढ रही है और देश की एकमात्र कंपनी है जिसकी तीन खानों को इण्डियन ब्यूरो ऑफ माईन्स ने ‘फाईव स्टार‘ रेटिंग, पर्यावरण, सामाजिक और निगमित क्षेत्र में हिन्दुस्तान जिंक को ‘सस्टेनेबल प्लस प्लैटिनम‘ रेटिंग , हिन्दुस्तान जिंक का प्रधान कार्यालय, यशद भवन बिल्डिंग सीआईआई-आईजीबीसी द्वारा ‘प्लेटिनम ग्रीन बिल्डिंग‘ सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। कंपनी को ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क‘ से भी प्रमाणित किया गया है जो कर्मचारियों की दक्षता एवं स्थिरता का प्रमाण है।

गतवर्ष कंपनी ने अबतक का रिकार्ड खनित धातु और चांदी उत्पादन, ईबीआईटीडीए तथा शुद्ध लाभ अर्जित किया है, दक्षता एवं सुधार के माध्यम से उच्च मूल्य परिदृश्य में कंपनी की परिचालन लागतों को सफलतापूर्वक सीमित किया है।

वर्ष के दौरान कंपनी में ९०६,९८४ मैट्रिक टन खनित धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में २ प्रतिशत अधिक है। वर्ष के दौरान अयस्क उत्पादन में ४४ प्रतिशत की वृद्धि एवं खनित धातु उत्पादन में ३२ प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने के लिए भूमिगत खदानों का विस्तार किया गया। वर्ष के दौरान ६७१,९८८ मीट्रिक टन रिफाइन्ड जस्ता धातु का उत्पादन तथा १३९,००९ मीट्रिक टन बिक्री योग्य सीसा धातु का उत्पादन हुआ। वर्ष के दौरान सिन्देसर खुर्द खदान में ४५३ मैट्रिक टन के उच्चतम स्तर ग्रेड के फलस्वरूप एकीकृत बिक्री योग्य चांदी उत्पादन में ७ प्रतिशत की वृद्धि हुई जो अब तक का सर्वाधिक है।

श्री सुनील दुग्गल ने शेयरधारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष २०१७ में अवमूल्यन, ब्याज और कर (पीबीडीआईटी) से पहले १२,२१३ करोड रुपये का लाभ अर्जित किया जो ३० प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने वर्ष के दौरान ८,३१६ करोड रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की तुलना में अधिक है।

श्री दुग्गल ने बताया कि कंपनी वर्ष २०२० तक १.२ मैट्रिक टन वार्षिक खनित धातु क्षमता को हासिल करने की ओर अग्रसर है। कंपनी की भूमिगत खदानों में बदलाव का कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष २०१६ में भूमिगत खदान से खनित धातु उत्पादन में ४० प्रतिशत की वृद्धि तथा वित्तीय वर्ष २०१७ में ५२ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भूमिगत खदानों में अयस्क उत्पादन गतवर्ष की तुलना में ४४ प्रतिशत अधिक हुआ है। इसके अलावा, कुल खनन विकास वर्ष के दौरान ६६,५४५ मीटर तक पहुंच गया है जो गतवर्ष की तुलना में १५ प्रतिशत अधिक है।

वर्ष के दौरान रामपुरा-आगूचा भूमिगत खदान का उत्पादन ०.२ मिलियन मीट्रिक टन की तुलना में १.४ मिलियन मैट्रिक टन हुआ। साउथ वेंटिलेशन शाफ्ट सिंकिंग का कार्य वर्ष के अंत तक पूरा हो गया। मुख्य शाफ्ट की गहराई ९५५ मीटर तक पहुंच गयी है।

वर्ष के दौरान सिन्देसर खुर्द खदान में ३.७ मिलियन मैट्रिक टन अयस्क का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ जो पिछले वर्ष २.९७ मिलियन मैट्रिक टन था। शाफ्ट के लिए वाइन्डर फाउण्डेशन का कार्य पूरा हो गया है जबकि हेड गियर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। १.५ एमटीपीए की नई मिल की स्थापना रिकॉर्ड १४ महीनों में पूरी हो चुकी है और सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। इस वर्ष ४.५ लाख मैट्रिक टन क्षमता के लक्ष्य की योजना पर कार्य चल रहा है।

कार्बन फुटप्रिंट को बढाने के लिए फ्यूमर प्रोजेक्ट की स्थापना, कंपनी की हाइड्रो मैटलर्जीकल प्लांट से धातु प्राप्ति और लाभप्रदता में सुधार का कार्य योजना अनुसार वर्ष २०१९ के मध्य तक पूरा हो जाएगा। कंपनी ने मार्च २०१७ में १६ मेगावाट कैप्टिव सोलर पावर प्लांट का सफलतापूर्वक संचालन कर लिया। इस परियोजना को अनुपयोगी भूमि पर स्थापित किया गया है जिससे कंपनी को अपनी रिन्यूवेबल ऊर्जा दायित्वों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

श्री दुग्गल ने बताया कि कम्पनी के सघन खनिज समन्वेषण कार्यकलाप के फलस्वरूप पिछले कई वर्षों में आरक्षित भंडार एवं संसाधन आधार को और सुदृढ बनाया है। वर्ष के दौरान आरक्षित एवं संसाधन भण्डार में २६.४० मिलियन मैट्रिक टन की वृद्धि हुई जो ११.९० मिलियन मैट्रिक टन के अवक्षय से पूर्व थी। इस प्रकार ३१ मार्च, २०१७ को इसमें और इजाफा करते हुए ४०४.४० मिलियन मैट्रिक टन आरक्षित एवं संसाधन भण्डार है जिनमें ३६.०९ मिलियन मैट्रिक टन जस्ता-सीसा धातु तथा लगभग ३२ किलो चाँदी विद्यमान है।

वर्ष के दौरान उत्पादन लागत में कमी की, दक्षताओं का उन्नयन किया, हमारी खानों तथा प्रद्रावकों की उत्पादता में सुधार किया तथा कंपनी की विस्तारशील परियोजाओं में खान विकास को चहुँमुखी गति प्रदान की।

श्री दुग्गल ने शेयरधारियों को अवगत कराया कि वर्ष के दौरान कम्पनी ने शिक्षा, संपोषणीय आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता, खेल एवं संस्कृति, पर्यावरण, सामुदायिक विकास तथा सामुदायिक संपदा सर्जन जैस क्षेत्रों पर पूरा ध्यान देते हुए विभिन्न निगमित सामाजिक दायित्वों पर ४९.४० करोड, रूपए का निवेश किया है तथा बाल आंगनवाडी कार्यक्रम के तहत नंदघर स्थापित करने के लिए वेदान्ता फाउण्डेशन को ५० करोड रुपये का योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त कंपनी ने डिस्ट्रीक्ट मिनरल फाउण्डेशन को ५४३ करोड रुपये का योगदान दिया है जिसका उपयोग खनन संबंधित कार्य से प्रभावित व्याक्तियों और क्षेत्रों के हितार्थ के लिए किया जाएगा।

ज्ञातव्य रहे कि कम्पनी के निदेशक मण्डल ने कंपनी के शेयरधारियों के लिये २२ मार्च, २०१७ को १३७५ः का विशिष्ट अंतरिम लाभांश (२ रूपये के प्रत्येक एक शेयर पर २७.५० रूपये) दिया है। ३१ मार्च, २०१७ को समाप्त १२ महीनों में कंपनी ने शेयरधारियों को २४,१५७ करोड रुपये (डिविडेन्ड डिस्ट्रीब्यूशन टेक्स सहित) दिया है जो भारत के निगमित इतिहास में सर्वाधिक लाभांश है। पहले से दिये गये विशिष्ट लाभांश को ध्यान में रखते हुए निदेशक मण्डल ने और कोई फाईनल लाभांश की सिफारिश नहीं की है।

सभा में वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष श्री सुनील दुग्गल हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक के अतिरिक्त हिन्दजिंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, कंपनी के निदेशक मण्डल में निदेशक ए.आर. नारायणस्वामी, सुधीर कुमार, अरूण टोडरवाल, महामहिम राष्ट्रपति के प्रतिनिधि ए.के. मलिक तथा कंपनी सचिव राजेन्द्र पण्डवाल उपस्थित रहे।

श्री दुग्गल ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से समस्त शेयरधारियों, ग्राहकों, आपूर्तिकारों, कर्मचारियों, सरकारों, मान्यता प्राप्त यूनियन तथा हमारी प्रचालन इकाइयों के आसपास रह रही जनता द्वारा मिल रहे सत्त सहयोग सहकार एवं विश्वास के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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