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MPUAT:समारोह पूर्वक मना ७१ वां स्वतंत्रता दिवस

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17 Aug 17
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MPUAT:समारोह पूर्वक मना ७१ वां स्वतंत्रता दिवस महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय प्रांगण मे देश का ७१ वां स्वतंत्रता दिवस, समारोह पूर्वक व हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमा शंकर शर्मा ने प्रातः ८.१५ बजे ध्वजारोहण किया ।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर उमा शंकर शर्मा ने अपने संदेश मे स्वतंत्रता के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को नमन किया। उन्होंने समस्त अधिकारियों, शिक्षकों, शैक्षणेत्तर कर्मचारियों व विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होने कहा कि भारतवर्ष सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है। आज भी हमारी ५५ प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। हम खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर तो हैं परंतु वैश्वीकरण व जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में आने वाली चुनौतियाँ विकराल है। इस दिशा में हमें सजग रहना होगा। उन्होने कहा कि आज के दिन मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि हमारा विष्वविद्यालय अपने उद्देष्यों को प्राप्त करने में निरंतर सफल हो रहा है। विष्वविद्यालय के तीनों घटक - शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार अपने उद्देश्यों की ओर पल-पल अग्रसर हो रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में हमारे विश्वविद्यालय मे सत्र २०१७-१८ से पाँचवी डीन्स कमेटी की अनुषंसाओं को लागू करने से यह लागू कर दी गई है। हमारे छात्रों ने राश्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने शैक्षणेत्तर वर्ग में ३७ कर्मचारियों को पदोन्नत देने के साथ ही कार्यरत प्राध्यापकों के सी.ए.एस. व शैक्षणिक एवं शैक्षणेत्तर वर्ग के विभिन्न पदों पर नियुक्तियों हेतु प्रकि्रया प्रारंभ कर दी है। के तहत लाभ प्रदान करने की प्रकि्रया भी लगभग पूरी हो चुकी है, साथ ही किया जा चुका है। सहायक कर्मचारियों की वरिश्ठता सूची का प्रकाषन, अनुकम्पा नियुक्ति एवं तदर्थ कर्मचारियों के रूके हुए प्रकरणों का नियमितीकरण जैसे कई महत्वपूर्ण कदम इस वर्श प्रशासनिक स्तर पर उठाये गये हैं।
हमारे प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय को अखिल भारतीय तकनीकी षिक्षा परिशद् द्वारा ५ अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों हेतु भी मान्यता प्रदान की गई है। इसी संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद द्वारा प्रदान की गई राश्ट्रीय स्तर की रेंकिंग में हमारा विष्वविद्यालय राश्ट्रीय स्तर पर २१वें पायदान पर तथा राज्य स्तर पर हम प्रथम पायदान पर हैं। अब हम सबको मिलकर और प्रयास करना होगा ताकि हमारा विष्वविद्यालय राश्ट्रीय स्तर पर प्रथम दस स्थानों में अपनी जगह बना सके।
उन्होंने संयुक्त प्रवश परीक्षा ;श्रम्ज्ध्च्तम.च्ळद्ध के सफल आयोजन, ढांचागत सुविधाओं को सुदृढ करने, कृशि महाविद्यालय, भीलवाडा के भवन का निर्माण कार्य, छात्र एवं छात्राओं के लिए एक-एक छात्रावासों के निर्माण, सीटीएई में ८० लाख रूपये की लागत से सोलर पॉवर प्लांट स्थापित करने विश्वविद्यालय को एक ग्रीन-क्लीन कैम्पस बनाने, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने, विश्वविद्यालय मे स्पोर्ट्स सुविधाओं के निर्माणकार्यों की प्रगति का भी जिक्र किया।
उन्होने प्रसार षिक्षा निदेषालय द्वारा किसानों तक उन्नत तकनीकी पहुंचाने हेतु ५ राज्य स्तरीय एवं १७ जिला स्तरीय प्रदर्शनियों का आयोजन किया। हमारे कृशि विज्ञान केन्द्र भीलवाडा व राजसमंद के किसानों श्री महावीर सिंह राठौड को जगजीवन राम अभिनव पुरस्कार तथा श्री राधेष्याम कीर को भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद् द्वारा कृशक नवाचार पुरस्कार से राश्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। कृशि विज्ञान केन्द्रों द्वारा ४९७ प्रषिक्षण आयोजित किये गये जिनमें २६,६१६ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस वर्श ५३०८ वैज्ञानिकों विद्यार्थियों एवं कृशकों द्वारा विष्वविद्यालय के षैक्षणिक संग्रहालय का अवलोकन किया गया। वर्श २०१६-१७ में ३३२० किसानों के यहाँ १३३६ हैक्टर क्षेत्र में खाद्यान्न, तिलहन, दलहन, सब्जी तथा मसाला फसलों के प्रथम पंक्ति प्रदर्षन लगाये गये। कृशि विज्ञान केन्द्रों द्वारा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना व कृशक सम्मेलन १-५ अप्रैल के मध्य आयोजित किये गये। हमारे विष्वविद्यालय ने जयपुर में २०१७ में आयोजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट२०१६ तथा कोटा में आयोजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट २०१७ में अपना सफलतम प्रदर्षन करते हुए अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई। अब हम ७-९ नवंबर २०१७ तक अपने यहाँ ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट २०१७ का आयोजन करने जा रहे हैं।
विष्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये गाँव छाली, उण्डीथल तथा कडेचावास के किसानों तक तकनीकी पहुंचाने का कार्य किया गया है। राज्यपाल द्वारा भी इन गाँवों में किये जा रहे कार्यों का अवलोकन किया गया था। विष्वविद्यालय के इन सभी कि्रया कलापों को ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों, राज्य के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सराहा गया है।
स्वतंत्रता दिवस के मांगलिक अवसर पर विश्वविद्यालय मे उल्लेखनीय सेवाओं के लिये चयनित शिक्षकों, सहशैक्षणिक कर्मचारियों व विद्याथिर्यों को प्रतीक चिन्ह व प्रशति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता, अधिकारी, शिक्षक, सहशैक्षणिक कर्मचारी, अतिथी व विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गृहवैज्ञानिक डॉ. गायत्री तिवारी ने किया।
सम्मानित जन की सूची-

डॉ. सुधीर जैन, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष आरईई विभाग, सीटीएई,. डॉ राम हरी मीणा, सहायक प्रो.कृषि रसायन और मृदा विज्ञान विभाग, आरसीए, उदयपुर, श्री गणेश लाल नागदा, क्लर्क ग्रेड द्वितीय, डीपीएम, श्री निलेश शर्मा, क्लर्क ग्रेड द्वितीय, सीडीएफएसटी, श्री सी. के. कुमावत, टीए, ईओ, डॉ. के.एल. समदानी, संफ अधिकारी, श्री गोविंद सिंह राठौड, टीए, सीटीएई, श्री रणवीर सिंह झाला, चतुर्थ श्रेणी डीआरआई, श्री नारायण लाल भोई, चतुर्थ श्रेणी, एआईसीआरपी होम साइंस, सुश्री रितिक राव, चतुर्थ वर्ष बीटेक (खाद्य तकनीक), सीडीएफटीटी, उदयपुर, श्री शिवम मिश्रा बी.टेक (अंतिम वर्ष ईई), सीटीएई, उदयपुर,
छाली गांव में उप-सतह डाइक व एनीकट के निर्माण कार्य मे विशेष योगदान हेतु-
डॅा. पी.के. सिंह, प्रो. मृदा व जलसंरक्षण इंजीनियरिंग विभाग, सीटीएई, उदयपुर
डॅा.मनजीत सिंह, सहायक प्रो. मृदा व जलसंरक्षण इंजीनियरिंग विभाग,सीटीएई, उदयपुर
विशेष पुरस्कार-डॉ एस.के.शर्मा, प्रो.और जीडीआर, एआरएस, उदयपुर और डॉ. सुनील के दाधीच, सहायक प्रोफेसर, डीएफआरएस, अर्जिया, भीलवाडा।
ज्वार परियोजना मे विशेष योगदान हेतु- डॅा.अरविंद वर्मा. प्रो.इंचार्ज, डॅा. हेमंत स्वामी, सहायक प्रो., डॅा. लेखा, सहायक प्रो., डॅा. एच.के. सुमेरिया, एवं श्री नवल कुमार देवडा।


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