एम.पी.यू.ए.टी. के संघटक सी.टी.ए.ई. कॉलेज के प्रशिक्षण फार्म पर शुक्रवार १० फरवरी को कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्शन मेले का आयोजन किया गया। मेले के अन्तर्गत उत्तम तकनीक से बने कृषि यंत्रो एवं कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित मशीनों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। मेले में कृषि सम्बन्धित अन्य तकनीकों जैसे भू एवं जल संरक्षणए प्लास्टि कल्चर तकनीक, नवीकरणीय ऊर्जा इकाइयों इत्यादि के प्रदर्शन मे दूर दूर से आऐ किसानों ने विशेष रूचि दिखाई।
मेले के मुख्य अतिथि भारतीय किसान संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष श्री मणि लाल जी लबाना ने बडी संख्या मे किसानों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रतिस्पर्धा के इस युग मे जागरूक बनना होगा। हमारे देश का कृषक मेहनती है परन्तु उसे अपने उत्पादन और श्रम का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
विशिष्ठ अतिथि डा. जे. पी. शर्मा, कुलपति मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय ने कहा कि कृषि मे उन्नत तकनीकों व यंत्रों के उपयोग से किसान अपने उत्पादन व क्षेत्र मे वृद्धि कर सकते हैं साथ ही इससे श्रम और लागत मे भी कमी आएगी। उन्होंने भारत मे कृषि की प्रधानता व लगभग सभी तीज त्यौहरों मे कृषि के महत्व को देखते हुऐ हरित क्रंाति को सामाजिक आंदोलन के रूप मे मान्यता देने की बात कही। कार्यक्रम के विशेष अतिथि अनुसधांन निदेशक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय डॉ. एस.एस. बुर्डक एवं प्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी महाविधालय के अधिष्ठाता डा. एस. एस. राठौड ने भी सभा को सम्बोधित किया एवं कृषि मे तकनीकि मे निरंतर सुधार व विकास की बात कही।
मेला समन्वयक डा. एस. एम. माथुर ने बताया कि इस मेले उत्तम तकनीक से बने जुताईए बुआईए निराईए गुढाईए दवाई छिडकाव की मशनें इत्यादि प्रदर्शित की गयी । उन्होने कहा कि इस मेले में रेस बंड फार्मर एवं वेरियेबल रेट स्प्रेयर मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। मेले मे उदयपुर, भीलवाडा, चितैडगढ, टौंक, सवाईमाधोपुर, कोटा,, जालौर, बांसवाडा व डूंगरपुर के ११०० से अधिक किसानों, आठ कृषि यंत्र निर्माताओं, कृषि अधिकारियों व अभियांत्रिकी के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रबन्ध मण्डल सदस्य डॉ. श्रीमति अजीत गुप्ता व श्री सुहास मनोहर, कुलसचिव, आयोजना निदेशक, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक, अनेक विभागाध्यक्ष व प्राध्यापक उपस्थित थे।
मेला निदेशक डॉ. वी. डी. मुद्गल ने बताया कि मेले के अन्तर्गत कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित मशीनों का प्रदर्शन किया गया। जिसके अन्तर्गत हल्दी एवं अदरक प्रसंस्करण से सम्बन्धित मशीनों, दाल बनाने की मशीन, ग्वारपाठा का रस निकलने की मशीन, लहसुन छीलने और गांठ से अलग करने व मसाला प्रोसेसिंग के लिए काम में ली जा रही उन्नत मशीनों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा मेले मे औषधीय पौधों ऐलोवेराए महुआए मशरूमए आमए सीताफलए आवंला, टमाटरए मिर्च इत्यादि की गुणवत्ता के साथ प्रसंस्करण की जानकारी दी गई।
डा. एस. एम. माथुर ने बताया कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन क्षेत्र में किसानध्उद्यमी फसलों को प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन कर अधिक आय प्राप्त कर सके। मेले मे कृषि कार्यों के लिए विकसित श्रम साध्य यंत्रों का एवं दुर्धटनाओं की रोकथाम के लिए किए गए विभिन्न अनुसधांन के बारे में बताया गया। मेले के अन्तर्गत प्रताप व्हीलए अमरूद तोडने की मशीन आदि का प्रदर्शन व छोटी जोत वाले किसानों के लिए बैल चलित उन्नत कृषि यत्रों का प्रदर्शन किया गया। मेले के दौरान किसान विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें कृषि तकनक सम्बन्धित जानकारी दी गयी और किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया। मेले के अन्तर्गत लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया जिससे किसान भाई बहनों को विभिन्न मशीनों को चलाते हुए दिखाया गया।
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