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हिन्दुस्तान जिंक के तिमाही वित्तीय परिणामों की घोषणा

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11 Feb 17
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हिन्दुस्तान जिंक के तिमाही वित्तीय परिणामों की घोषणा १० फरवरी २०१७ को हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने शुक्रवार को मुम्बई में आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में ३१ दिसम्बर २०१६ को समाप्त तीसरी तिमाही व नौःमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।

’’हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन श्री अग्निवेश अग्रवाल जी ने कहा कि पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में जस्ता धातु की कीमतों में ५५ प्रतिशत की वृद्धि के साथ हिन्दुस्तन जिंक का अच्छा प्रदर्शन रहा है। निकट भविष्य में नयी जस्ता खदानों की स्थापना की संभावना नहीं है। वैश्विक दृष्टिकोण के अनुसार २०१७ में भी जस्ता बाजार सकारात्मक रहने की संभावना है। उत्कृष्ट प्रबन्धन के परिणामस्वरूप तिमाही के दौरान रिकॉर्ड लाभ अर्जित हुआ हैं।

वित्तीय वर्ष २०१७ की तीसरी तिमाही में खनित धातु का उत्पादन पिछली तिमाही की तुलना में ४४ प्रतिशत अधिक हुआ है। तीसरी तिमाही में उत्पादन में वृद्धि, पिछली तिमाही की तुलना में, रामपुरा आगुचा ओपन कास्ट व भूमिगत खदान अयस्क का उत्पादन अधिक रहा है।

एकीकृत जस्ता धातु का २०५,००० मैट्रीक टन उत्पादन हुआ जो इसी वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में ३८ प्रतिशत अधिक है। एकीकृत बिक्री योग्य सीसा धातु का उत्पादन ३९,००० मैट्रीक टन रहा जो पिछली तिमाही की तुलना में २६ प्रतिशत अधिक है। चांदी धातु का उत्पादन ११८ मैट्रीक टन हुआ जो गतवर्ष की समान अवधि के तुलना में १० प्रतिशत अधिक दर्शाता है। वित्तीय वर्ष २०१७ की नौःमाही में एकीकृत जस्ता धातु उत्पादन में गतवर्ष की तुलना में सुधार कंपनी के प्रचालनों के सुचाररूप से संचालन के फलस्वरूप रहा है।

वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने २,३२० करोड रुपये का श्ुाद्ध लाभ अर्जित किया है जो पिछली तिमाही की तुलना में २२ प्रतिशत एवं गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में २६ प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने ५,३४८ करोड रुपये का राजस्व अर्जित किया जो पिछली तिमाही की तुलना में ४० प्रतिशत तथा गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में ४५ प्रतिशत अधिक है।

हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कोर्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि रामपुरा आगुचा खदान में शाफ््ट सिंकिंग का कार्य पूर्ण हो गया है तथा कायड खदान व सिन्देसर खुर्द के विस्तार का काम भी सुचारू रूप से चल रहा है। सिन्देसर खुर्द खदान में शाफ््ट कॉलर एवं हेड गियर स्थापना का कार्य चौथी तिमाही में पूर्ण हो जाने की संभावना है। जावर मील विस्तार के लिए जनवरी २०१७ में पर्यावरण स्वीकृति मिली है जिसका संचालन वित्तीय वर्ष २०१८ की पहली तिमाही तक हो जाने की संभावना है।

हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने देबारी तथा दरीबा में १६ मेगावाट का कैप्टिव ऊर्जा प्लांट लगाया है। अपने हरित प्रयासों के लिए हाल ही में सीआईआई तथा आईजीबीसी ने हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यालय यशद भवन को ’प्लेटीनम रेटिंग‘ से सम्मानित किया है। हिन्दुस्तान जिंक भारत की चौदवीं प्लेटीनम बिल्डिंग है तथा राजस्थान की पहली प्लेटीनम रेटिड बिल्डिंग है।


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