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10 रूपयें के सिक्के पर संकट के बादल

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21 Oct 16
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के.डी.अब्बासी.कोटा लगभग एक माह से नकली सिक्कों की अफवाह के चलते असली 10 के नोट का सिक्का बाजार में चलना बंद हो गया। सिक्के के नहीं चलने की गुंज पूरे ७ाहर के साथ-साथ देश में हो रही है। सिक्कों के चलन के बंदर होने के समाचार सोशल मिडिया से लेकर समाचार पत्रें की सुर्खियों बन चुकी हैं लेकिन आ८चर्य है कि न तो जिला प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन और न ही बैंक प्रशासन इस सिक्को को चलाने की कार्यवाही के नाम पर चुप्पी साधे बेठा है प्रशासन की चुप्पी से भारतीय मुद्रा का अपमान हो रहा है। यदि कुछ लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही कर दे तो फिर से 10 सिक्का चलन में आ सकता हैं। देखना यह है कि कब प्रशासन हरकत में आता है। भारतीय रिजर्व बैंक की मुद्रा पर संकट के बादल छा गये है। बैंक द्वारा जारी 10 रूपये के सिक्के की स्थिति यह हो गई है कि दुकानदार तो दुकानदार यहां तक की स्वयं बैंक वाले भी इसे लेने से इन्कार कर रहे है। कोटा में ही नहीं राजस्थान के कई ७ाहरों में इस सिक्के के बाजार मे चलन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। कई दुकानदारों ने तो अपनी दुकान के सामने सिक्कें नहीं लेने का बोर्ड भी लगा दिया है। उपभोक्ता इन सिक्कों के बाजार नहीं चलने से खासे परेशान है। अफवाहों के चलते असली व नकली सिक्कों का बाजार गर्म है। सिक्कों पर अलग-अलग चिन्ह बने होने से भी यह समस्या पहचान करने में सामने आ रही है। एक बैंक के अनुसार भारत सरकार द्वारा जारी सिक्कों पर सन् 2009 व 10 रूपयें अंकित है तथा सन् 2014 से 2016 तक के सिक्कों पर नया रिजर्व बैंक चिन्हित है। पिछले कई दिनों से स्थिति सबके सामने है, इस सम्बंध में रिजर्व बैंक एवं जिला प्रशासन को स्थिति स्प६ट करनी चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। जो दुकानदार व बैंक सिक्कों को लेने से मना करता है, उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। ऐसे चले 10 के सिक्कें वाक्या 18 अक्टूबर का है एक ग्रामीण अपने वाहन में पेट्रोल भराने के लिए जंक्शन स्थित पेट्रोल पम्प पर गया। उसने पेट्रोल भरने वाल से कहा कि मेरे पास दस-दस के खुल्ले है। पेट्रोल पम्प वाले ने खुल्ले लेने की हामी भरते हुए पेट्रोल वाहन में भर दिया। ग्रामीण ने एक थेले को जमीन पर उलट दिया और कहा कि इसमें से दस-दस के सिक्कें ले लो। पेट्रोल भरने वाला यह देखकर अचंभित हो गया और उसने कहा कि इसका पेट्रोल वापस निकाल लो। ग्रामीण भी उससे भीड गया और यही सिक्के देने पर अड गया। पेट्रोल भरने वाले ने पुलिस को बुलाया परन्तु ग्रामीण कहा मैंने तो पहले ही कह दिया था कि मेरे पास दस दस के खुल्ले है क्या ये सिक्का दस रूपये का नहीं है। मुझे या तो ये और या पुलिस लिखकर दे कि सिक्के नहीं लेंगे। विवाद सुलझा जब पुलिस वाले की समझाइस पर पेट्रोल पम्प वाले को सिक्के लेने पडे। क्या कहता है कानून भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी 10 रूपयें के सिक्कें पूरी तरह चलन में है अगर कोई इन्हें लेने से इन्कार करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। सिक्के लने से इन्कार करने पर धारा 489 (ए), 489(ई) और आईपीसी की धारा 121 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। यदि कोई बैंक का केशयर 10 रूपये का सिक्का लेने से मना करता है तो भारतीय रिजर्व बैंक में शिकायत की जा सकती है।
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