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काका हाथरसी की कविता का latest version.....

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08 Dec 16
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काका हाथरसी की कविता का latest version..... काका हाथरसी की कविता का latest version.....

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, Narendra Modi ने रचा है खेल प्रिये !
यहाँ कैश नहीं है पॉकेट में, वहाँ बैंक में रेलमपेल प्रिये !!

तुम आयकर अफ़सर की बेटी, मैं गरीब किसान का बेटा हूँ !
तुम हॉट स्पॉट-वाई फ़ाई हो, और मैं 2जी का डेटा हूँ !!
तुम होलसेल का हो मार्केट, मैं छोटा सा विक्रेता हूँ !
तुम शॉपिंग मॉल की शोभा हो, मैं हाट बाजार का क्रेता हूँ !!

इस कदर अगर हम चुपके से, तेरी ब्लैक मनी सलटाएंगे !
जरा पूछ के देखो डैडी से, क्या सन-इन-लॉ बनाएंगे ???
गर पकडा गया खाता मेरा, फ़िर कैसे मिलेगी बेल प्रिये !
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये !!

तुम गड्डी गुलाबी नोटों की, मैं नोट पुराना 500 का !
तुम सबके दिल की रानी हो, मैं 9/11 का हूँ धोका !!
तुम डीआईजी हो रायपुर की, मैं हवलदार हूँ चौकी का !
तुम शाही पनीर हो होटल की, और मैं रायता हूँ लौकी का !!
तुम देशी घी पतंजलि की, मैं ठहरा रिफ़ाईन तेल प्रिये !
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये !!

तुम स्विस बैंक का लॉकर हो, मैं जनधन वाला खाता हूँ !
तुम हो अम्ब्रेला फ़ॉरेन का, मैं फ़टा चिरा एक छाता हूँ !!
तुम क्रेडिट कार्ड पे चलती हो, मैं रोज कमाकर खाता हूँ !
तुम सोती हो खाकर गोली, मैं मिनटों में सो जाता हूँ !!
तुम बैटरी हो एक्साइड की, मैं पैनासोनिक की सेल प्रिये !
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये !!

तुम पेनकार्ड की धारक हो, मैं रेनॉल्ड पेन का धारक हूँ !
तुम एटीएम, तुम पेटीएम, मैं नकद रुपईया धारक हूँ !!
तुम चलती हो एसी कारों में, मैं पगडंडी का चालक हूँ !
तुम मॉल की महंगी सब्जी हो, मैं भाजी चौलाई पालक हूँ !!
तुम दिखती एंजलिना जॉली सी, और मैं ठहरा क्रिस गेल प्रिये !
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये !!
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