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माता-पिता की सेवा में खोजे परमेश्वरः सत्यसिद्धा

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21 Mar 18
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माता-पिता की सेवा में खोजे परमेश्वरः सत्यसिद्धा बाडमेर।’वर्तमान समय विकट स्थिति में चल रहा है। अधिकांश देखा गया बुजूर्गों की सेवा को कोई आगे नहीं आ पाता। वैसे तो यह संसार सब अपना है, लेकिन अपने माता पिता की सेवा करना सबसे बडा धर्म है। उनकी सेवा करने पर जो उनकी अंतर आत्मा से आर्शीवाद मिलता है उसमें परम पिता परमेश्वर को खोजेगे तो जरूर मिलेगा।

यह प्रवचन इंदिरा नगर में मंगलवार को श्री राम कथा में तीसरे दिन साध्वी सत्यसिद्धा ने दिए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा पर चौदह वर्ष वनवास में काट लिए। श्री राम ने माता-पिता की आज्ञा और उनकी सेवा को सबसे बडा माना। यहीं संदेश जन-जन धारण कर भगवान श्री राम के पथ पर चले तो निश्चित ही कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि यह कथा वात्सल्य सेवा केन्द्र, बाडमेर में रह रही निराश्रित बालिकाओं के सहयोगार्थ की जा रही है, ऐसे में अधिक से अधिक सहयोग करें। कथा में कथा आयोजक महादेवसिंह पडहार, श्यामसिंह पडहार, राजूसिंह पडहार आदि ने सहयोग किया। कथा में भागीरथ शर्मा, हनुमानराम गौड, चेतनसिंह, गेमरसिंह, आम्बसिंह, चुतरसिंह ईन्दा, शोभसिंह ईन्दा, किशन गौड, अमरसिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजक महादेवसिंह ने बताया कि श्री राम कथा २५ मार्च तक दोपहर १ से दोपहर ४ बजे तक चलेगी। उन्होंने आह्वान किया कि अधिक से अधिक श्रद्धालु कथा में शिरकत करें।




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