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मेरा आंगन मधुबन माँ फूलवारी है

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15 May 18
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मेरा आंगन मधुबन माँ फूलवारी है बांसवाड़ा, । मित्र समिति बांसवाड़ा की मासिक बैठक ठीकरिया स्थित उजास परिवार भवन में हुई। बैठक में उजास परिवार की ओर से विश्व मदर्स डे पर संगोष्ठी का आयोजन किया। मासिक बैठक उपरांत संगोष्ठी के मुख्य अतिथि भीलवाड़ा के मशहूर शायर अरूण शर्मा ‘अजीब’ थे जबकि अध्यक्षता वागड़ के ख्यातनाम प्रयोगधर्मी कवि हरीश आचार्य थे।
कार्यक्रम के आरम्भ में मित्र समिति सचिव महेश शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रतीक जैन, समिति सदस्य मनीष मेहता ने अतिथियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। संगोष्ठी में शायर अरूण शर्मा ‘अजीब’ ने ‘मेरा आंगन मधुबन, माँ फूलवारी है . . . प्रस्तुत की तो सभी ने जमकर तालिया बजाई। कवि हरीश आचार्य ने बाग़बाँ की शक्ल में ताउम्र दरमियाँ होती है, फूल ममता के खिलाती ये वो गुलिस्ताँ होती है, भोलेपन-मासूमियत की सच्ची कद्र दाँ होती है, क्या कहें तारीफ़ में उसकी माँ तो बस! माँ होती है.................. रचना प्रस्तुतकर ममता के आंचल सा अहसास दिलाया। गायक विरेन्द्र सिंह राव ने माँ की महिमा मंडीत करते गीत सुनाए, जिसकी सभी ने प्रशंसा की। महेश पंचाल माही ने माँ होती है तो कुछ बात होती है, होठों पे मुस्कान कुछ खास होती है . . . प्रस्तुत की। इस अवसर पर मित्र समिति के आशीष शाक्य, प्रतीक जैन, लोकेश शाह, राजन सामर, विवेक व्यास, प्रशीष जैन, चन्द्रेश जैन, मनीष मेहता, दीपक दोसी, भास्कर जोशी आदि मौजुद थे।

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