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विश्व उपभोक्ता दिवस

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16 Mar 18
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विश्व उपभोक्ता दिवस बांसवाडा, विश्व उपभोक्ता दिवस पर रसद विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में यह निष्कर्ष निकलकर आया कि डिजीटल प्रणाली विश्वास की व्यवस्थाएं कायम करेंगी लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि ज्ञान के साथ सुविधाएं व संसाधन की आम लोगों तक पहुंच हो कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलक्टर हिम्मतसिंह बारहठ ने कहा कि हमें समय की रफ्तार के साथ चलना होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष २००३ में मोबाईल नया-नया आया था, तब इसके प्रति उत्सुकता और कुछ लोगों की पहुंच थी और इसे विलासिता की वस्तु माना जाता था लेकिन आज अनपढ लोग भी न केवल इसका उपयोग कर रहे है वरन कब मिस कॉल और कब रिचार्ज करवाना है इसका भी उन्हें ज्ञान हैं। ऐसे में डिजीटल व्यवस्थाएं निश्चित रूप से विश्वास का बाजार तैयार करेगी।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पुलिस जवाबदेह समिति के अध्यक्ष एवं एडवोकेट मुकेश रावत ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की महती जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। उनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। डिजीटल व्यवस्थाएं असल में पारदर्शी प्रणाली है।
इस अवसर पर जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद सदस्य निरंजन द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ मांग के अनुसार व्यवस्थाएं बनती है। डिजीटल व्यवस्था भी निश्चित रूप से जनता के हित में है। उन्होंने इस प्रणाली के उपयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला।
उपभोक्ता क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित निर्मल दोस ने कहा कि जनजाति बहुल क्षेत्र में डिजीटल व्यवस्थाएं एक तरह से चुनौती है। इसके लिए प्रचार की महती आवश्यकता है। जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य दीपक श्रीमाल ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। उन्होंने बताया कि जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के प्रयासों से लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक संस्थाओं के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। गोष्ठी के आरम्भ में जिला रसद अधिकारी डालचन्द ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्व उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष में आयोजित किए गए कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। गोष्ठी में सुनील दोसी, लक्ष्मीकांत भावसार, हजारीलाल आलोरिया आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डिजीटल व्यवस्थाओं के दूरगामी परिणाम आने वाले है। ऐसे में हमें इसके लिए जनजाग्रति अभियान चलाना हगा।
संगोष्ठी में मुरली मनोहर मीणा, सचिन पाठक, सोहन सिंह चौहान, शाहिद खान, मानसिंह पटेल, कमलेश, अजीत परमार, कालूराम मईडा, कालूराम भोई, भरत कुमार, लक्ष्मीकान्त कलाल, मोहम्मद इकबाल, ओमप्रकाश गर्ग, अरूण भण्डारी, दिव्य उपाध्याय, अक्षय पाठक, प्रभात सिंह चौहान, शेखर, प्रवीण त्रिवेदी, राधेश्याम सुथार, पंकज चपेल, हितेष कुमार मेहता आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन दीपक श्रीमाल ने किया जबकि आभार प्रवर्तन निरीक्षक मणि खींची ने माना।
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