GMCH STORIES

ऐतिहासिक इमारतों की डिजाइन पर बनें बिल्डिंगें

( Read 3533 Times)

26 Apr 15
Share |
Print This Page
भारत में कदम-कदम पर भाषा बदलती है तो कल्चर भी जुदा होता जाता है। हर जगह की ऐतिहासिक धरोहरों और इमारतों की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। वर्तमान में यदि उसी सभ्यता और कला को आगे बढ़ाया जाए तो देश की पहचान बरकार रहेगी। ऐसे में आर्किटेक्ट की भूमिका अहम होगी। यह बातें इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ आर्किटेक्चर एवं फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर (यूपीटीयू) की तरफ से वास्तुकला विषय पर आयोजित लेक्चर सिरीज में आईआईटी रुड़की के प्रो. शंकर ने कही। संगीत नाटक एकेडमी में शनिवार को हुए इस कार्यक्रम में कई कॉलेजों के वास्तुकला के छात्र-छात्रओं ने हिस्सा लिया।शंकर ने बताया कि आर्किटेक्ट को पुरानी ऐतिहासिक इमारतों के मूल ढांचे को देखते हुए इमारतों को डिजाइन करनी चाहिए। इससे भारत में पुरानी सभ्यता और कला जीवित रहेगी। उन्होंने बताया कि पुरानी इमारतों में मजबूती होती थी। अर्किटेक्ट को अध्ययन कर समझने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं मोफा डिजाइन स्टूडियो दिल्ली के मनीष गुलाटी ने कहा कि छात्रों को नई डिजाइन की खोज पर काम करना चाहिए। वहीं डॉ. वंदना सहगल और ऋृतु गुलाटी ने कहा कि डिजाइन के लिए एक अवधारणा व आइडिया होना चाहिए।
This Article/News is also avaliable in following categories : Rajasthan
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like