श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्वर्ण कलश एवं ध्वजादंड स्थापना का सातवां पाटोत्सव बुधवार 18 अप्रेल 2018 को विविध पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया गया। इसके तहत ध्वजारोहण, सहस्त्रधारा अभिषेक, गंगा महाआरती एवं विशेष शिव पूजा अनुष्ठान हवन हुए।
सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर के अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने बताया कि प्रातः निज मन्दिर में पूजा अर्चना के बाद 10 बजे अभिषेकात्मक लघु रूद्र पाठ हुआ। इसके पश्चात् 10.15 बजे हवन शुरू हुआ। जिसमें ध्वजपताकाओं को हवन अग्नि के सम्मुख रखकर विधिवत् रूप से पूजा अर्चना की गई। बडी संख्या में महिला एवं पुरूष एवं शिवभक्तगणों ने आखातीज पर हुए इस पुण्य हवन का लाभ उठाया। न्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच व भंवरलाल बाबेल ने बताया कि हवन की पूर्णाहूति के बाद महाकालेश्वर मंदिर शिखर पर ध्वजरोहण किया गया। इसके पूर्व ध्वजा की मंदिर परिसर में परिक्रमा कर भगवान भोलेनाथ की आरती की गई तत्पश्चात् ध्वजा मंदिर शिखर पर फहराई गई।
साथ ही सांय 6.30 बजे हरिओम महिला सत्संग मण्डल एवं न्यास द्वारा गंगा आरती की गई जिसमें महिलाओं और पुरूषों ने भाग लिया। गोपाल लोहार ने बताया कि अक्षय तृतीया एवं परशुराम जन्म जयंती के अवसर पर मंदिर परिसर में भगवान परशुराम की पूजा अर्चना कर 108 दीपकों से आरती की गई। जिसे पंडित महेश देव, गौतम चौबीसा, हरीश शर्मा ने पूजा एवं हवन कराया। कार्यक्रम में पुरूषोत्तम जीनगर, शंकरकुमावत, प्रेमलता लोहार, आभा आमेटा, सुरेन्द्र मेहता, विनोद शर्मा, योगेश गिरी गौस्वामी आदि मौजूद थे।
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