विश्व जल दिवस पर रंगोली बना पानी बचाने का दिया संदेश
भूमिगत जल का अविवेकपूर्ण दोहन विनाश का मूल कारण ः डॉ.कुमावत
उदयपुर, विश्व जल दिवस के अवसर पर आज यहाँ आलोक संस्थान, हिरण मगरी सेक्टर-११ के मुख्य मार्ग पर आलोक इन्टरेक्ट क्लब ने ॅॅथ् के साथ मिलकर रंगोली सजाकर पानी बचाने का संदेश आमजन को दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डॉ. प्रदीप कुमावत ने संबोधित करते हुये कहा कि आज जल जीवन का आधार है लेकिन मनुष्य के अविवेकपूर्ण भूमिगत जल के दोहन के कारण बडे-बडे विनाश हुये है।
उन्होंने उदाहरण के रूप में उत्तराखंड में आए भूकंप के कारण इसी अमर्यादित जल दोहन को माना है। आज वहीं उत्तराखंड पेयजल समस्या से जुझ रहा है।
डॉ. कुमावत ने कहा कि दुनिया की सबसे ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्र चेरापूंजी मई में पानी की एक-एक बूंद को तरस जाता है। यह हमारे वर्षा जल सरंक्षण नहीं करने की वजह से है।
उन्होंने कहा कि केवल २ प्रतिशत लोग वर्षा जल संरक्षण कर पाते है यह और भी गंभीर विषय है। प्रत्येक परिवारों को वर्षा जल सरंक्षण के लिये उपक्रम लगाये जाने चाहिये तथा उसका व्यवस्थित इस्तेमाल किया जाना चाहिये। यदि वर्षा जल को संरक्षित किया जाये तो २ साल तक वर्षा न होने पर भी पानी की कमी नहीं आयेगी। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि कोई भी अपने माध्यम से वर्षा जल संरक्षण की दिशा में प्रयास नहीं करता है प्रयास छोटे भले ही हो लेकिन जल संरक्षण के प्रयास करने चाहिये।
उन्होंने कहा कि जहाँ बाथरूम के नल से बूंद-बूंद पानी अगर दिनभर टपकता है तो करीब २६ लीटर पानी १२ घंटे में व्यर्थ हो जाता है। शुरूआत पानी के गिलास से करनी चाहिये उतना ही पानी गिलास में लेना चाहिये जितनी आवश्यकता हो ताकि पानी व्यर्थ न जाए।
इस अवसर पर इन्टरेक्ट क्लब व डब्लयू डब्लयू एफ द्वारा टपकते हुये जल की बूंदो की आकर्षक रंगोली सजाकर जल संरक्षण का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर डब्लयू डब्लयू एफ इंडिया उदयपुर के कार्यालय अधिकारी अरूण सोनी, विवेक अग्रवाल, पंकज सेन, कनिष्का मेहता, केन्द्रीका गौड, नवल किशोर शर्मा, शशांक टंाक, सुरेन्द्र टांक, जयपाल सिंह रावत सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
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