नारायण सेवा संस्थान के बडी स्थित परिसर में चल रही ‘भक्तमाल कथा’ एवं दीनबन्धु वार्ता कार्यक्रम के तीसरे दिन बुधवार को पद्मश्री कैलाश मानव ने कहा कि सुख का संबंध किसी भी भौतिक वस्तु से नहीं है। भौतिक सुख पाने वाले व्यक्तियों को जीवन में उतनी ही बडी परेशानी होती है जितनी किसी निर्धन की सूक्ष्म से सूक्ष्म परिस्थिति में भी अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए होती है।उन्होंने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि अशिक्षा समाज के लिए अभिशाप है। इसलिए प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके । कर्म की प्रधानता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हमें अपने जीवन को कर्म प्रधान बनाना चाहिए। लोग मंदिर जाकर पूजा तो करते हैं, लेकिन कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतते हैं। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था व आस्था इंटरनेशनल चैनल पर हुआ । संस्थान निदेशक देवेन्द्र चौबीसा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दूसरे चरण ‘अपनों से अपनी बात’ में गुरुवार से संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल अपने विचार व्यक्त करेंगे।
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