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राजस्थान में औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला

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23 Mar 18
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उदयपुर,वन मण्डल, उदयपुर के तत्वावधान में चेतक सर्कल स्थित वन भवन कॉन्फ्रेन्स हॉल में राजस्थान में औषधीय पौधों की जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार, 22 मार्च को किया जाएगा।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि, मुख्य वन संरक्षक होगे। विशिष्ठ अतिथि मुख्य वन संरक्षक आई.पी.एस. मथारू व राहुल भटनागर होगे। कार्यशाला में मुख्य रूप से आयुर्वेद विभाग के चिकित्साधिकारी, शोधार्थी, वन विभाग के अधिकारीगण एवं प्राध्यापक, औषधीय पौधों के क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग लेगें।
उप वन संरक्षक आर.के.जैन ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान में औषधीय पौधों का वितरण, संरक्षण, संवर्धन, समस्याएं एवं समाधान विषय पर डॉ सतीश शर्मा, सेवानिवृत वन अधिकारी द्वारा प्रतिभागीयों को जानकारी प्रदान की जाएगी। इसी सत्र के दौरान वन क्षेत्रों में औषधीय पौधों की उपलब्धता बढाने के लिए वन विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर उप वन संरक्षक आर.के.जैन एवं ओ.पी.शर्मा, द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी। सहायक वन संरक्षक उमेश बंसल औषधीय पौधों संबंधी अनुसंधान, विशेषकर औषधीय पौधों की पौधशाला तकनीकी पर जानकारी प्रदान करेंगे।
कार्यशाला में विद्या भवन रूरल इन्स्टीट्यूट की व्याख्याता डॉ अनीता जैन द्वारा आदिवासी समाज में औषधीय पौधों का महत्व, उपयोग एवं संरक्षण के प्रयास तथा एवं सेवानिवृत वन संरक्षक जी.पी. सक्सेना द्वारा औषधीय पौधों का गृह वाटिका में संवर्धन उपयोग व विपणन पर प्रकाश डाला जाएगा। अंतिम चरण में गुणीजन गणेश पुरोहित, द्वारा राजस्थान में गुणीजन परम्परा एवं पारम्परिक चिकित्सा पद्धति की जानकारी दी जाएगी। डॉ आर.सी.भूतिया द्वारा दक्षिणी एवं पूर्वी राजस्थान में औषधीय पौधों के संरक्षण व संवर्धन के प्रयासों से अवगत कराएंगे।
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