’’प्री पेमेंट चार्जेज’’ वसूले जाने का यूसीसीआई ने किया विरोध
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25 Feb 18
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उदयपुर, एमएसएमई क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा समय से पूर्व ऋण चुकाने पर निजी क्षेत्र के बैंक द्वारा ’’प्री पेमेंट चार्जेज’’ वसूले जाने का उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने विरोध किया है।
उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को इस आशय का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है कि लघु एवं मध्यम क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लिए गए व्यवसायिक ऋण को निर्धारित अवधि से पूर्व चुकाने पर एचडीएफसी बैंक द्वारा ऋण राशि का लगभग तीन प्रतिशत ’’प्री पेमेंट चार्जेज’’ के तौर पर वसूला जा रहा है, जो कि न केवल अतर्कसंगत है बल्कि नियमों के भी विपरीत है।
ज्ञात हो कि सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र के अन्य बैंकों द्वारा समय से पूर्व ऋण चुकाने पर इस प्रकार के चार्जेज नहीं लिए जा रहे हैं, यह केवल एचडीएफसी बैंक द्वारा ही एमएसएमई क्षेत्र के उपक्रमों से इस प्रकार की वसूली की जा रही है।
यूसीसीआई द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन में बताया गया है कि एक ओर कई बैंक लाखों-करोडों रूपए की ऋण राशि का भुगतान डिफाल्टर व्यवसायियों से वसूल कर पाने में स्वयं को असक्षम महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईमानदार व्यवसायी द्वारा सम्पूर्ण ऋण राशि को समय से पूर्व चुकाने पर बैंक द्वारा प्रोत्साहन देने के स्थान पर लगभग तीन प्रतिशत ’’प्री पेमेंट चार्जेज’’ वसूले जा रहे हैं जो कि न केवल नियमों के विपरीत है बल्कि लघु एवं मध्यम क्षेत्र के उपक्रमों की हितों पर कुठाराघात है।
यूसीसीआई की ओर से प्रेशित पत्र में रिजर्व बैंक के गवर्नर से इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही कर उक्त निजी बैंक को इस प्रकार की व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने हेतु पाबंद किये जाने का आग्रह किया गया है।
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