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किसान वैज्ञानिकों का पेसिफिक कृषि छात्रों को सीख

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21 Feb 18
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किसान वैज्ञानिकों का पेसिफिक कृषि छात्रों को सीख राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित देश के विभिन्न राज्यों के किसान वैज्ञानिको ने पेसिफिक कृषि महाविद्यालय की प्रयोगशाला तथा प्रशिक्षण फार्म का अवलोकन किया जीन बैंक एवं फसल म्यूजियम को देखकर बहुत प्रसन्नता व्यक्त की व किसानो और बच्चो के लिये इसे बहुत ही उपयोगी बताया।
वे प्रशिक्षण फॉर्म की विभिन्न फसले जैसे गेहूं, सरसों, चना, औषधीय फसलें ,मसाला फसलें, सूरजमुखी, कुसुम, सब्जियां व अन्य बागवानी फसलों की उन्नत किस्में देखकर अभिभूत हुए। साथ ही साथ सभी किसान वैज्ञानिकों ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया तथा विद्यार्थियों को सलाह दी कि कृषि को जीवन यापन का स्त्रोत ही न बनाएं अपितु कृषि आधारित रोजगार के सशक्त माध्यम बने।
पिलान्त्री मॉडल के प्रणेता श्री श्याम सुंदर पालीवाल एवं किसान वैज्ञानिक श्री मोटाराम शर्मा, श्री चौधरी परमाराम, श्री जगदीश प्रसाद पारीक, श्री मोहम्मद मकबूल रेना ने जिज्ञासु छात्रों के प्रश्नों के उत्तर दिए। आई.सी.ए.आर के “जगजीवन राम पुरस्कार” से सम्मानित गिरधरपूरा (कोटा) के किसान वैज्ञानिक श्री किशन सुमन ने अपने आम की संशोधित किस्म “सदाबहार आम” का पौधा पेसिफिक महाविद्यालय में रोपण हेतू भेंट किया। किसान वैज्ञानिको ने बताया कि उनकी शिक्षा - दीक्षा इतने अच्छे कॉलेज में नहीं हुई है। उन्होंने छात्रों को कौशल उन्नयन की सीख देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की एवं कहां की जब भी छात्र-छात्राएँ चाहे वह उनको अपने हुनर की ट्रेनिंग नि:शुल्क दे सकते हैं।
इससे पूर्व महाविद्यालय के अधिष्ठता प्रो. एस आर मालू ने सम्मानित किसान वैज्ञानिको का स्वागत किया व उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुये कॉलेज की उपलब्धियों, पाठ्यक्रम एवं प्रवेश प्रक्रिया के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इस अवसर पर कॉलेज के सभी संकाय के सदस्य डॉ. जी. एल शर्मा, डॉ मोनिका जैन, डॉ शिप्रा पालीवाल, रमेश पारीक एवं भारतीय किसान संघ के महामंत्री श्री कृष्ण मुरारी जी भी उपस्थित थे। प्रो. एमीन सिद्दीकी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।

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