जिनभक्ति का महाविज्ञान बनाता है भक्त को भगवान
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18 Feb 18
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उदयपुर। हिरणमगरी से. ११ स्थित आदिनाथ भवन में बिराजमान वितराग विज्ञान की आराधना करने वाले आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि गहराई को छूने वाला वस्तुनिश्ठ व्यवस्था को दर्षानेवाला जिन विज्ञान के चमत्कार से भक्त भगवान बन जाता है।
उन्होंने कहा कि सभी मनुश्यों की जिज्ञासा होती है कि यह सब कौन कर्ता है।,कौन पानी बरसाता है, कौन तुफान लाता है,कौन कर्ता का उत्तर नहीं देता है। वह कैसा होता है, उसका समाधान देता है। उससे पता चलता है, सब स्वयं संचालित है। परिगमन होता रहता है। एक अन्य दूसरें का करता कुछ नहीं है,सहयोगी मात्र हो सकता है। जीव स्वयं भगवान बनता है, कोई बनाता नहीं है। गुरू आज्ञा से मुनिश्री संबुध्य सागर महाराज,मुनिश्री श्रुतंाष सगर महाराज का प्रभावना हेतु मंगल विहार हुआ।
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