GMCH STORIES

कविराव मोहन सिंह स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यान

( Read 9408 Times)

17 Feb 18
Share |
Print This Page
कविराव मोहन सिंह स्मृति  राष्ट्रीय व्याख्यान उदयपुर / वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक धीरेन्द्र पुंडीर ने कहा कि सबसे तेज एवं जल्दी प्रकाशित किए जाने वाले समाचारो की दौड में भरोसे की पत्रकारिता का क्षरण हो रहा है। कभी राजनीतिक पूर्वाग्रह तो कभी धार्मिक पूर्वाग्रहो के चलते कई टीवी चेनल अपनी टीआरपी बढाने के लिए समाचार को उसकी समग्रता में न दिखाकर केवल चयनित पहलुओ को ही दिखाते है जो उचित प्रतीत नही होता है। सूचना क्रांति के इस विकसित दौर में समाचार माध्यम को विस्तार तो हुआ है और उसकी पहुंच भी बढी है किन्तु एक ही समाचार को कई माध्यमों से अलग अलग ब्रांड में दिखाया जाना आम पाठक दर्शक को भ्रमित कर देता है तथा पत्रकारिता म विश्वसनीयता का संकट उत्पन्न हो जाता है। श्री पुंडीर शनिवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक साहित्य संस्थान की ओर से कम्प्यूटर एण्ड आईटी विभाग के सभागार में कविराव मोहन सिंह स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यानमाला में ’’जनसंचार माध्यम और विश्वसनीयता‘‘ विषयक पर आयोजित एक दिवसीय व्याख्यानमाला में प्रमुख वक्ता के रूप में कही। उन्होने कहा कि किसी समाचार की विश्सवनीयता का आधार केवल सही बनाई हुई खबर ही नही होती बल्कि पत्रकार का आचरण भी विश्वसनीयता का मुख्य आधार होता है। सनसनी खेज समाचार समाज में सामाजिक विकृतियों के माध्यम बनते है। मुख्य अतिथि भारत सरकार के वरिष्ठ सूचना अधिकारी दुर्गादत्त स्वर्णकार ने कहा कि प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के बाद खबरो की विश्सवनीयता कायम रखने के लिए सोशल मीडिया की भी बढी जिम्मेदारी है। उन्होने डीजिटल व्यस्तता के चलते पत्रकार के समाज से जुडाव में कमी पर चिंता जाहिर की। उन्होने कहा कि आज भी ऐसे माध्यम व चैनल है जिनके समाचारो को सुनने व देखने के बाद श्रोता या दर्शक संतुष्ट नही होता तथा अलग अलग एंगल से कवरेज की गई खबरो से भ्रमित हो जाता है। यह हमारे समय का बडा चैनल गेप है। उन्होने कहा कि किसी समाचार या घटना की भली भांति पुष्टि करने के बाद ही प्रसारित करना उचित रहेगा। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि प्रेस की समाज व राष्ट्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय लोकतंत्र केा सुदृढ बनाने में प्रेस का विशेष योगदान है। आम जन की जुबा बन कर प्रेस उनकी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनता है। सोशल मीडिया आम आदमी के लिए हथियार बन गया है तथा इंटरनेट आम आदमी की ताकत बन गया है। आम आदमी सोशल मीडिया का उपयोग कर सोशल जर्नलिस्ट की भूमिका निभा रहा है। वरिष्ठ साहित्यकार किशन दाधीच ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पत्रकारिता एक मिशन था जो वर्तमान म आज कारोबार हो गई है ओर इससे समाचारो की विश्सवनीयता का संकट उत्पन्न हो गया है विशिष्ठ अतिथि कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, निदेशक प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, न्यास के अध्यक्ष उग्रसेन राव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने किया जबकि आभार प्रो. जीवन सिंह खरकवाल ने किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर व शहर के गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की।
पुस्तक का विमोचन एवं सम्मान : समारोह में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र पुडिर को सम्पादकाचार्य सम्मान व भारत सरकार के वरिष्ठ सूचना अधिकारी दुर्गादत्त स्वर्णकार को संवादश्री सम्मान के तहत पगडी, उपरणा, माला, स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र देकर नवाजा गया। समारोह में अतिथियों द्वारा रसीक बिहारी द्वारा सम्पादित राम रसायन ( रामायण ) गथ का विमोचन किया गया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines , Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like