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कलयुग को सतयुग बनाना हमारी जिम्मेदारी: साध्वी ऋतम्भरा

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24 Jan 18
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कलयुग को सतयुग बनाना हमारी जिम्मेदारी: साध्वी ऋतम्भरा उदयपुर, कलयुग बुरा नहीं है, यह हम पर निर्भर है कि हम इसे कैसा बनाते हैं, यह हमारा युग है, हम अपने पुरुषार्थ और आचरण से इस युग को भी सतयुग बना सकते हैं।
यह बात साध्वी ऋतम्भरा ने भागतव कथा के दूसरे दिन मंगलवार को यहां बीएन विश्वविद्यालय भागवत धाम में कही। उन्होंने कहा कि समर्पण की भावना इस युग को भी सतयुग बना सकती है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों को समर्पण का दूसरा नाम बताते हुए कहा कि वे सबकुछ त्याग कर समाज और देश की सेवा में लगे हुए हैं। जन-जन को संस्कारित करने में लगे हुए हैं।
श्रीमद् भागवत पुराण के कपिल भगवान, सती-धु्रव, शिव-पार्वती विवाह, जड़ भरत कथा आदि प्रसंगों का विवरण करते हुए उन्होंने कहा कि यह सभी कथाएं हमारी प्राचीन परम्पराओं के साथ बेहतर जीवन दर्शन की सीख भी बताती हैं। इन कथाओं से यह समझा जा सकता है कि किन परिस्थितियों में व्यक्ति को क्या व्यवहार और क्या निर्णय करना चाहिए।
उन्होंने मातृशक्ति का आह्वान करते हुए कहा कि मातृशक्ति ही परिवार की धुरी होती है। बच्चों में सर्वप्रथम संस्कार की संवाहक माता ही होती है। उन्होंने समझाया कि पूरी संस्कृति के संस्कारों का निर्माण मातृशक्ति के हाथ में है।
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