संकल्प से होती है सिद्धी: आचार्यश्री सुनीलसागरजी
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19 Jan 18
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उदयपुर, आदिनाथ भवन सेक्टर 11 में बिराजित आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने प्रात:कालीन धर्मसभा में कहा कि कोई भी लक्ष्य निर्धारित करने से पहले संकल्प शक्ति और साहस का होना जरूरी है। बिना संकल्प के कोई भी सिद्धी नहीं होती है। लक्ष्य तो आप कुछ भी कैसा भी और किसी भी तरह का तय कर लो, लेकिन अगर आपमें उसे प्राप्त करने की संकल्प शक्ति नहीं होगी तो सब बेकार हो जाएगा।
आचार्यश्री ने कहा कि लक्ष्य उसी का बनाओ जिसे करने की आपमें इच्छा शक्ति के साथ संकल्प शक्ति भी हो। कोई भी कार्य हो पहले उसे प्रारम्भ करने से पहले हजार बार सोचो। यह कैसे प्रारम्भ करना चाहिये, इसे करने के दौरान क्या- क्या परेशानियां आ सकती है, या आ रही है तो सबसे पहले उनका समाधान जरूरी है। ऐसा नहीं है कि काम तो शुरू कर देते हैं जो भी होगा बाद में देखेंगे तो ऐसा करने में तो आप अपने लक्ष्य तक पहुंच ही नहीं पाओगे। संकल्प शक्ति का बड़ा महत्व होता है। अगर एक बार आपने संकल्प ले लिया कि अमुक काम मुझे करना ही है और आपने काम प्रारम्भ कर दिया। लेकिन बाद में आपके बाद हजार दूसरे विकल्प आ जाएं आपको वह काम छोडऩा नहीं है उसे पूरा करके ही दम लेना है। तब ही संकल्प का महत्व होता है। सिद्धी ऐसे ही नहीं मिलती है। त्याग की भावना बन गई तो त्यागी बन जाओ। सोचते रहोगे तो समय भी निकल जाएगा और जीवन में कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।
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