GMCH STORIES

इंसान को इंसान की नजरों से तोलिये: आचार्य श्री सुनीलसागरजी

( Read 8244 Times)

18 Jan 18
Share |
Print This Page
इंसान को इंसान की नजरों से तोलिये: आचार्य श्री सुनीलसागरजी उदयपुर, आदिनाथ भवन सेक्टर 11 में बिराजित आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने प्रात:कालीन धर्मसभा में कहा कि इंसान को इंसान की नजऱों से तोलिये, दो शब्द ही सही पर प्यार से बोलिए। इंसान को इंसान की दृष्टि से देखो। अहंकारी व्यक्ति कई बार पशु की तरह व्यवहार करते है। ज्ञानी जन पशु के साथ भी इंसानों जैसा व्यवहार करते है। पशु भी प्रेम की भाषा समझते है। भाषायें तो देश में 300 से अधिक है पर सभी जगह रोने, हँसने की भाषा तो समान ही होती है। भले थोड़ा बोलो पर प्रेम से बोलो। वचनों को समझते वाले कम लोग हैं। शरीर की भाषा व भावनायें सब समझते है। प्रेम को आधार बनाकर फिर व्यवस्थाओं से समाज का उत्थान होता है। राष्ट्र की उन्नति विधान से होती है। अनुशासन से शांति आती है एवं सहनशीलता से एकता बढ़ती है। अव्यवस्थित घर, परिवार या समाज की क़ीमत नहीं होती है। शांति एवं उन्नति हेतु संविधान एवं अनुशासन से चलना ज़रूरी है। आचार्यों के बड़े संघ देखो कैसे हज़ारों मुनि शांति से आनंद से रहते है। आज भी वैसा पाया जाता है। कुछ परिवार भी संयुक्त रूप से बड़े के अनुशासन व वात्सल्य छत्रछाया में रहते है व उन्नत होते है। वे हमारे आदर्श हैए आपसी सहनशीलता व स्वीकार भाव हो वहाँ एकता है। जहाँ एकता है वहाँ शक्ति है, जहाँ शक्ति है वह सफलता है।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines , Chintan
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like