उदयपुर, आचार्य श्री सुनिलसागर जी महाराज की संघस्था उदयपुर में विराजित 105 श्री परम पूज्या आर्यिका श्री अमूर्तमति जी माताजी की समाधि गुरूवार रात्रि आठ बजे हो गई। पूज्या आर्यिका श्री अमूर्तमति जी पिछले कई समय से त्यागी जीवन जी रही थी। पिछले 2 अक्टूबर को ही आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज से आपने दीक्षा ग्रहण की थी। उसके बाद से ही आपने आचार्यश्री से समाधि मरण की भावना व्यक्त की। उनकी भावना के अनुरूप ही उन्होंने स्वैच्छा से समाधिमरण को स्वीकार किया और गुरूवार सायं 8 बजे उनकी समाधिमरण की साधना सिद्ध हुई। अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि आचार्य श्री सुनिलसागर जी महाराज ससंघ में उदयपुर में यह चौथी समाधि है। इससे पूर्व उदयपुर में ही चातुर्मास के दौरान तीन समाधियां हो चुकी है।प्रचार प्रसार मंत्री पारस चित्तौड़ा ने बताया कि परम पूज्या आर्यिका श्री अमूर्तमति जी माताजी की डोल यात्रा सम्भवनाथ धर्मशाला से सकल जैन समाज की उपस्थित में प्रात: 7 बजे निकलेगी जो सीधे अशोक नगर श्मशानघाट पहुंचेगी जहां पर उनका अन्तिम संस्कार किया जाएगा। उसके बाद 8.30 बजे प्रात: हुमड़ भवन में आचार्यश्री ससंघ के सानिध्य एवं सकल जैन समाज की उपस्थिति में विनयांजलि सभा होगी।
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