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घणो सरल (सारो) टैक्स यानी जीएसटी ः धारीवाल

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19 Jun 17
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घणो सरल (सारो) टैक्स यानी जीएसटी ः धारीवाल उदयपुर | बेंगलुरू के सीए संजय धारीवाल का मानना है कि जीएसटी को आप घणो सरल टैक्स कह सकते हैं या घणो सारो टैक्स लेकिन घणो सारो टैक्स में यह सभी को मिलाकर कुल एक ही टैक्स है। जिस तरह भगवान विष्णु के १० अवतार थे ठीक उसी तरह सभी अवतारों को मिलाकर भगवान विष्णु बना दिया गया है। बहुत सरल है, सिर्फ समझने की बात है।
वे जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) उदयपुर चैप्टर की ओर से शनिवार शाम को होटल अलका में जीएसटी पर आयोजित सेमिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप तय मानकर चलें कि एक जुलाई से जीएसटी लागू होगा। यदि एक सितम्बर से सरकार ने लागू किया तो फिर संवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर उसमें संशोधन करना होगा। या एक सितम्बर के बजाय नया वित्त वर्ष १ जनवरी से घोषित कर दे और तभी से लागू करे, यह भी हो सकता है लेकिन हमें एक जुलाई से ही जीएसटी लागू हो रहा है, मानकर उसकी तैयारी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में कहीं भी इनपुट क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं। होटल इंडस्ट्री में इनपुट के बदले आउटपुट क्रेडिट भी मिलता है। लग्जरी के बदले वह सेट ऑफ हो जाता है। टैक्स सिर्फ सप्लाई पर है। यदि कोई ट्रेडर एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजता है तो उसे सीएसटी लगता है जिसका सी फॉर्म मंगवाकर क्रेडिट क्लेम करता है। जीएसटी के बाद यहां आईजीएसटी लगेगा। आईजीएसटी केन्द्र सरकार लेगी इसमें आधा वो रखेगी और बाकी आधा दूसरे राज्य को पास करेगी। यहद अलग राज्य हो और सेम ब्रांच हो तो एसजीएसटी लगेगा। एक ही राज्य में दूसरी ब्रांच पर स्टॉक स्थानांतरित हो तो एसजीएसटी नहीं लगेगा।
धारीवाल ने कहा कि रिटर्न्स भरने को लेकर बहुत अफवाहें फैल रही हैं। रिटर्न तो एक ही २० तारीख को भरना है बाकी की डेट्स तो आपको अपडेट करनी है। बिलवार अकाउंटिंग करते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। मैचिंग कंसेप्ट है। अगर हम नम्बर अथवा नाम गलत भरते हैं तो इनपुट नहीं मिलेगा। अगर इनपुट आपको दो साल बाद ऑडिट में पता चले तो कैसे और कहां क्लेम करते फिरेंगे। जीएसटी में एक महीने में अपलोड करना होगा और एक माह का समय उसे रेक्टीफाई करने के लिए मिलेगा। उन्होंने कहा कि रिटर्न रिवाइज नहीं भर सकेंगे अन्यथा परेशानी में आ जाएंगे लेकिन हर ट्रांजेक्शन को रेक्टीफाई कर सकेंगे। कई बार कर सकेंगे। अल्टर करना है तो क्रेडिट/डेबिट नोट के जरिये कर सकेंगे। सॉफ्टवेयर पुराने ही चलेंगे। कोई नया सॉफ्टवेयर नहीं आने वाला। हर व्यक्ति अपनी अपनी दुकान चला रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं कहीं राइटिंग में क्लीयरिफिकेशन नहीं है। रेडीमेड कपडे के व्यवसायी के लिए कहीं सेल प्राइस तो कहीं एमआरपी का उपयोग किया गया है। थोडी क्लेरिटी नहीं है। धारीवाल ने सेमिनार में मौजूद प्रतिभागियों के सवालों का जवाब भी दिया।
जीतो चैप्टर के महासचिव राजकुमार फत्तावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जीतो ट्रेड में होने वाली हर गतिविधि से अपडेट रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। यह सेमिनार भी उन्हीं प्रयासों में एक कडी है।
चैप्टर के चेयरमैन शांतिलाल मारू ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सीए महावीर चपलोत ने किया। आभार संजय भंडारी ने व्यक्त किया। सेमिनार में शहर के गणमान्य उद्योगपति, सीए, प्रोफेशनल्स और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।



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