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पारंपरिक कृषि विज्ञान का जैविक कृषि मे महत्वपूर्ण योगदान- प्रो. उमा शंकर शर्मा

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24 Aug 16
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पारंपरिक कृषि विज्ञान का जैविक कृषि मे महत्वपूर्ण योगदान- प्रो. उमा शंकर शर्मा उदयपुर. एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउण्डेशन राजस्थान अध्याय द्वारा साधारण सभा का आयोजन विस्तार निदेशालय, एम.पी.यू.ए.टी. के सभागार में किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. उमा शंकर शर्मा, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने कहा कि एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउण्डेशन ने पारंपरिक कृषि विज्ञान को आज के परिपेक्ष्य में हमारे सामने लाने में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आज विश्व पुनः जैविक खेती एवं जैविक पशु उत्पादन की ओर बढ रहा है। उन्होंने देशी गायों का उदाहरण देते हुए बताया कि जैविक विधि से उत्पादित दूध, पंचगव्य इत्यादि पदार्थ दो से चार गुना कीमत पर भी उपलब्ध नहीं है। अतः हमारे किसान व उपभोक्ता पारंपरिक व जैविक विधि से लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन में विश्वविद्यालय द्वारा यथासंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।

डॉ. एस.पी.एस. बेनीवाल, मुख्य सलाहकार, एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउण्डेशन, उदयपुर ने उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन में शुभकामना देते हुए कहा कि फाउण्डेशन के राजस्थान अध्याय ने पारंपरिक कृषि विज्ञान को बढाने में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान अध्याय के डॉ. एस. एल. चौधरी एवं डॉ. एस. के. खण्डेलवाल ने प्राचीन कृषि विज्ञान पांडुलिपियों यथा विश्ववल्लभ, वृक्षायुर्वेंद, कृषि पाराशर, लोकोपकार, नुस्खा दर फन्नी फलाहत् एवं उपवनविनोद आदि का अंग्रेजी एवं हिन्दी भाषा मे रुपान्तरण कर प्रकाशित करने का प्रशंसनीय कार्य किया है।

डॉ. एस.एल. चौधरी, अध्यक्ष, एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउण्डेशन, उदयपुर ने बताया कि वृक्षायुर्वेद की भूमिका और जैविक कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक प्रथाओं पर दो दिवसीय राश्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन महाराणा प्रताप कृशि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में २४-२५ नवम्बर २०१६ को राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में किया जाएगा। जिसमे पूरे देश के शताधिक कृषि वैज्ञानिको क भाग लेने की सम्भावना है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. एस. के. खण्डेलवाल, सचिव एएएचएफ राजस्थान अध्याय एवं धन्यवाद की रस्म डॉ. एस. सी. भारद्वाज, अध्यक्ष, एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउण्डेशन राजस्थान अध्याय ने अदा की। कार्यक्रम मे प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. जी. एस. तिवारी, अधिष्ठाता गृह विज्ञान डॉ. शशी जैन, डॉ विमल शर्मा, डॉ सुमन सिंह, डॉ. आशा गोदावत, डॉ. धृति सोलंकी, डॉ सुबोध शर्मा, निदेशालय के अधिकारी, बृह्माकुमारी प्रतिनिधि डॉ. जमीला व अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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