उदयपुर/ सिंहस्थ महाकुंभ में आयोजित नारायण सेवा संस्थान कुम्भ खालसा के तत्वावधान में ’श्रीमद् भागवत कथा’ की जानकारी देते हुए संस्थान संस्थापक साधु कैलाश ’मानव’ ने बताया कि शिविर म अब तक सैकडों दिव्यांग बंधुओं को फिजियोथेरेपी, कैलिपर्स तथा कृत्रिम अंग वितरण आदि सेवाएँ सम्मिलित हैं। इसी श्रंखला में उज्जैन निवासी सुषीला बाई (५०) जो कि एक दुर्घटना में अपने दोनों पांव खो चुकि थी, क कृत्रिम पांव लगाए गए।
सेवा और सत्संग की इस पावन वेला में पूज्या प्राची देवी जी ने कहाँ कि ’मनुश्य ने मन में किसी वस्तु को प्राप्त करने का दृढ संकल्प होता हैं तो परमात्मा भी संकल्प कि पूर्ति करते हैं, जिस प्रकार पाँच वर्शीय ध्रुव ने संकल्प किया की मुझे भगवान नारायण के दर्षन करने हैं तो नारद जी जैसे सद्गुरू मार्ग में मिलते हैं और भगवान की प्राप्ति का सफल उपाय बताते हैं। स्वयं ध्रुव ने जंगल में भगवान की आराधना की उनके तप, संकल्प, विष्वास को देखकर स्वयं भगवान विश्णु ध्रुव के दर्षन करने पहुँचे। इसी प्रकार का दृढ संकल्प हम अपने जीवन में भी ला सकते हैं चाहे परमात्मा कि भक्ति हो या समाज सेवा।’
संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि क्षिप्रा मैया की गोद में सेवा के साथ-साथ पावन कथाओं के निर्झर प्रवाह भी अनवरत जारी है। कार्यक्रम का संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया।