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शरीर में आयोडिन की मात्रा बढायें-थायराईड से बचें

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30 Apr 16
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शरीर में आयोडिन की मात्रा बढायें-थायराईड से बचें उदयपुर प्रतिदिन खाये जाने वाले खाने में आयोडिन की मात्रा पर्याप्त नहीं होने पर खास तौर पर महिलाओं में हाईपोथायराईडिज्म नामक बीमारी होने की संभावना बढ जाती है। यह अब बीमारी आम होने लगी है। इससे महिलाओं व पुरूषों में मोटापा की समस्याएं बढ गयी है। इसे नियमित खान-पान से नियंत्रित किया जा सकता है।
यह कहना था क्लिनिकल न्यट्रीशिनिस्ट व डाईटिशियन डॉ. नितिशा शर्मा का,जो रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा न्यूट्रिशियन मेनेजमेन्ट इन हाईपोथायराईडिज्म एण्ड ओबेसिटी विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। उन्हने बताया कि हाईपोथायराईडिज्म होने में हारमोन की मुख्य भूमिका रहती है। हाईपोथायराईडिज्म होने पर शरीर में थकान महसूस होना, वजन का बढना,कोलेस्ट्रोल बढता और नींद आती है।
डॉ.शर्मा ने बताया कि हाईपोथायराईडिज्म से बचनें के लिए शरीर में आयोडिन की मात्रा को बढाना होगा और वह संतुलित आहार से संभव है। शरीर के बढे हुए वजन को कम करने पर भी यदि वह कम नहीं होता है तो थायराईड होने की संभावना रहती है। इसकी खून की जांच करानी चाहिये। साथ ही थायराईड नहीं होने पर भी वजन बढता है तो इसकी भी जांच करायी जानी चाहिये। प्रोटीन, केलोरि*ा, कार्बोहाईड्रेड की मात्रा को बराबर रखने के लिए इनसे जुडे पदर्थो का सेवन करना चाहिये।
इनसें बढता है वजन- आमतौर पर बच्चों में पाश्चात्य संस्कृति का खाना खाने की आदत सी बन गयी है और वह उनके शरीर के लिए बहुत हानिकारक है। पास्ता, सफेद ब्रेड,मैदा आदि खाने से शरीर का वजन बढने की संभावना रहती है।
हाईपोथायराईडिज्म होने पर ये न लें- हाईपोथायराईडिज्म होने पर मक्का, सफेद ब्रेड, रिफाईन्ड आटा, मफीन्स, केक, रिच डेजर्ट,मूली,सोयाबिन,पालक, फूल गोभी, पत्ता गोभी का उपयोग नहीं करना चाहिये। इसके अलावा सोल्टेड व फ्राई काजू, बादाम,आचार, पापड, सोस, नमक लगा हुआ सलाद न लें,सिर्फ प्लेन सलाद लें।
प्रतिदिन 30 मिनिट व्यायाम कर एवं पैदल चलें ताकि मोटापा कम हो सक। पुडी एवं पराठा से भी दूर रहना चाहिये ताकि वजन न बढ सकें।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष गजेन्द्र जोधावत ने बताया कि मोटापा की बढती समस्या से निजात पाने के लिए न्यूट्रीशियन की सलाह पर चल कर अपने जीवन को सुखमय बना सकते है। सचिव सुभाष सिंघवी ने डॉ.नताशा परिचय दिया और अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रारम्भ में दर्शना सिंघवी ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अन्त में डॉ ए.के.गुप्ता ने डॉ.नताशा को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
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