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कृषि में अपार संभावनाऐं ः डॉ. राठौड

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28 Nov 15
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कृषि में अपार संभावनाऐं ः डॉ. राठौड एमपीयूएटी के घटक सीटीएई कॉलेज में कृषि में श्रमविज्ञान व सुरक्षा परियोजना के दो दिवसीय वार्षिक समीक्षा बैठक के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईसीएआर में उप महानिदेषक (षिक्षा) डा.एन. एस. राठौड ने कृषि अभियांत्रिकी में कृषि की हर जरुरत को पूरी करने की अपार संभावनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। डा. राठौड ने बताया कि विष्व के मुकाबले भारतवर्ष सभी कृषि आकडों में काफी पीछे है व इन सब में सभी क्षेत्रों में विषेष योगदान की आवष्यक्ता है। प्रसार भारती, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग नई दिल्ली की डा. (श्रीमति) किनकिनी दासगुप्ता ने सभी विभागों को सम्मिलित प्रयास करने पर जोर दिया व बताया कि एआईसीआरपी के कार्यों को प्रसार भारती द्वारा पूरे देष में प्रसारित किया जाना चाहिये, जिससे आम किसानों को विकसित तकनीक का लाभ मिल सके। ट्रेक्टर ट्राॅली में ब्रैक व पलटने से रोकने की की तकनीक भी तमिलनाडु केन्द्र द्वारा प्रस्तुत की गई।
इस वार्षिक समीक्षा बैठक में देष के विभिन्न भागों से विषेशकर अरूणाचल प्रदेष, सिक्किम, प. बंगाल, उडीसा, तमिलनाडू, महाराश्ट्र, हिमाचलप्रदेष, पंजाब, मध्यप्रदेष व दिल्ली से आये लगभग ५० वैज्ञानिकों ने भाग ले कर अपने-अपने राज्य में किये गये अनुसंधानों का प्रतिवेदन किया।
इस कार्यक्रम के अन्त में कई अनुमोदन किये गए जो कि कृषि में मानव श्रम व सुरक्षा के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को भेजे जायेगे। इन में कृषि कार्यो म धूलकण एवं अन्य बारीक कणों से व ध्वनि व कम्पन से बचाव पर विषेष जोर दिया गया। इसमें महिलाओं द्वारा कार्य में लिए गये उपकरणों पर अधिक कार्य करने की जरुरत महसूस की गई। प्रचलित मषीनों में सुरक्षा के उपायों का विकास करने के लिए विषेष प्रयास की आवष्यक्ता पर बल दिया गया जिससे कृषि संबंधी दुर्घटनाऐं रोकी जा सके।
विषेष अतिथि राश्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान, अहमदाबाद के पूर्व निदेषक डा. पी. के. नाग ने वैज्ञानिकों द्वारा किये जा चुके अनुसंधानों के संकलन की आवष्यक्ता पर जोर देते हुए कहा कि इन अनुसंधानों को किसानों तक पहुंचाना आवष्यक है जिससे कृशि क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
कार्यक्रम के दौरान आईसीएआर में सहायक महानिदेषक (अभियांत्रिकी) डा. के. के. सिंह, परियोजना निदेषक डा. सी. आर. मेहता, अनुसंधान निदेषक डॉ. जी. एस. आमेटा, सीटीएइ के अधिश्ठाता डा. बी. पी. नंदवाना, आरसीए के अधिश्ठाता डा. एस. आर. मालू, प्रसार निदेषक डा. आइ जे माथुर, रजिस्ट्रार डा. जी एस तिवारी, छात्र कल्याण अधिश्ठाता डा. वाई सी भट्ट, वित्तनियंत्रक, श्री डी एन पुरोहित, योजना के उदयपुर केन्द्र के प्रभारी डा. अभय महता, श्री सांवल सिंह मीणा, सीटीएई के विभागााध्यक्ष, व अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान आईसीएआर में उप महानिदेषक (षिक्षा) डा.एन. एस. राठौड का विष्वविद्यालय में प्रथम आगमन पर सम्मान करते हुए उदयपुर केन्द्र के प्रभारी डा. अभय महता ने बताया कि डा. राठोड इस पद पर पहुंचने वाले देष के प्रथम कृशि अभियंता होने के साथ ही सीटीएई से इस पर पर पहुंचने वाले प्रथम व्यक्ति हैं।
कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन परियोजना निदेषक, केन्द्रीय कृशि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के डा. सी. आर महता ने किया।

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