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नाटक ’’जात ही पूछो साधु की‘‘ का मंचन ५ जुलाई को

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02 Jul 15
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उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के तत्वावधान में हर माह के प्रथम रविवार को होने वाली ’’रंगशाला‘‘ में इस बार प्रसिद्ध नाट्यकर्मी विजय तेंदुलकर के प्रसिद्ध नाटक ’’जात ही पूछो साधु की‘‘ का मंचन शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में ५ जुलाई को ७.०० बजे किया जायेगा।
केन्द्र निदेशक श्री फुरकान खान ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि आठवें दशक में रचित इस नाटक में विश्व प्रसिद्ध नाट्य लेखक श्री विजय तेंदुलकर ने व्यंग्य के माध्यम से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के साथ-साथ सामाजिक विसंगतियों पर कटाक्ष करते हुए समाज को सावचेत करने का संदेश दिया है। इस नाट्य कृति की प्रासंगिकता आज भी समसामयिक प्रतीत उतना ही है जितनी अस्सी के दशक में भी।
’’जात ही पूछो साधु की‘‘ में लेखक ने देश के संविधान की मूल भावना में निहित समानता, बंधुत्व, स्वतंत्रता आदि विषयों को लेकर तीखे कटाक्ष करने के साथ-साथ देश की राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्थाओं से जुडे पहलुओं पर अपनी शैली में समाज को संदेश देने का अप्रत्यक्ष प्रयास किया है।
नाटक के रचनाकार विजय तेन्दुलकर देश के ऐसे नाट्य लेखक हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई उत्कृष्ट नाटकों की रचना की इनमें ’’शांततः कोर्ट चालू आहे‘‘, ’’सखाराम बाइंडर‘‘, ’’घासीराम कोतवाल‘‘ जैसी उत्कृष्ट नाट्य रचनाओं से नाट्य जगत को समृद्ध बनाया। नाटक के निर्देशक साबिर खान हैं जो राजस्थान के वरिष्ठ नाटककार हैं जिन्होंने एक कार्यशाला में इस नाटक को तैयार करवाया। रंगशाला में प्रवेश निःशुल्क होगा।

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