उदयपुर, समाज के उत्थान में विभिन्न क्षेत्रें में कार्यरत विशेषज्ञों व कार्मिकों का योगदान महत्वपूर्ण है। किन्तु इनमें भी चिकित्सक और शिक्षक का कार्य सर्वोपरि है। इनमें से एक रोगियों की जान बचाने का प्रयास करता है, तो दूसरा श्रे६ठ नागरिक का निर्माता है। यह बात गुरूवार को नारायण सेवा संस्थान म आयोजित दो दिवसीय ‘डॉक्टर्स डे’ के समापन पर डॉ. ए.एस. चूण्डावत ने कही। उल्लेखनीय है कि डॉ. चूण्डावत संस्थान के माध्यम से अब तक 60 हजार से अधिक जन्मजात विकलांगों के ऑपरेशन कर उन्हें अपने पावों पर खडा कर चुके हैं। संस्थान निदेशक श्रीमती वंदना अग्रवाल ने कहा कि संवेदना और सेवा का दूसरा नाम डॉक्टर है। इसलिए इन्हें धरती पर भगवान माना जाता है।
समारोह संयोजक राकेश दुग्गल ने बताया कि समापन कार्यक्रम में डॉ. ए.एस. चूण्डावत, डॉ. ओ.डी. माथुर, डॉ. राकेश मिश्रा, डॉ. अजित, डॉ. निमेश, डॉ. वैभव, डॉ. विनोद मेहता व डॉ. मुकेश मलिक को सम्मानित किया गया।