उदयपुर, विश्व विरासत दिवस के तहत यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा शहर के गाइडों के लिए मेवाड की संत परंपरा विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।
फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि इतिहासविद् हरिश्चन्द्र शर्मा ने फाउण्डेशन के सभागार में आयोजित कार्यशाला में गाइडों को मेवाड की संत परंपरा में बावजी चतुरसिंह जी के योगदान पर वार्ता की। उन्होंने बताया कि मेवाड में गुरू-शिष्य परंपरा का अनवरत पालन होता रहा है। बावजी चतुरसिंह जी के उपदेश एवं उनकी सामाजिक कार्यशैली से समाज को एक नई दिशा मिली है। बावजी चतुरसिंह जी पर देश-विदेश के कई शोधार्थियों ने अध्ययन किया है। पुनः कहा कि बाहर से आने वाले पर्यटकों को गाइड मेवाड के संतों के बारे में भी जानकारी दें।
ये थे उपस्थितः शनिवार को आयोजित कार्यशाला में अभय सिंह सोलंकी, अभिमन्यु सिंह कृष्णावत, अभिषेक सुहालका, अजय सिंह चौहान, अजय शर्मा, आकाश टिक्कू, अक्षय सिंह राव, आनन्द पुरोहित, आनन्द स्वरूप शर्मा, अंसार अहमद, अंशुमान सिंह राणावत, अयाज मोहम्मद शेख, भंवर सिंह राणावत, भूपेन्द्र सिंह राणावत, चन्द्र प्रकाश भट्ट, चतर सिंह चौहान, चंचल सिंह चुण्डावत, दीपक दत्त व्यास, दीपक व्यास, देशपाल सिंह राणावत, देवेन्द्र कुमार शर्मा, दिग्विजय सिंह शक्तावत ने भाग लिया।