उदयपुर, जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर ने जिले में कोटपा एक्ट 2003 की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि तम्बाकू उत्पादों से संबंधित विज्ञापन कहीं भी नहीं दिखाई दें।
कलक्टर पेडणेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कोटपा अधिनियम (सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद, विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण अधिनियम, 2003) की धारा 4, 5, 6 व 7 को लागू करने के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने अधिनियम के तहत जिले में की गई कार्यवाही की समीक्षा की और समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस व चिकित्सा विभागीय कार्मिकों के सहयोग से प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कलक्टर ने अधिकारियों को कहा कि अधिनियम की धारा 5 के तहत तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध की अनुपालना सख्ती से करवाई जावे। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध के फ्लेक्स लगवाने तथा इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार जुर्माने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने अधिनियम की पालना के लिए पुलिस के माध्यम से भी कार्यवाही करवाने की बात कही।
बैठक के आरंभ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक ने कोटपा अधिनियम और इसके प्रावधानों पर पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया।बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) मनवीरसिंह अत्री, अतिरिक्त कलक्टर (शहर) छोगाराम देवासी सहित सभी विभागीय अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार उपस्थित थे।
उदयपुर बना अव्वल:
बैठक दौरान अवगत कराया गया कि जिले में कोटपा अधिनियम की धारा 5 के तहत जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के तहत उदयपुर शहर में तम्बाकू पदार्थों के शत-प्रतिशत विज्ञापन बोर्ड हटवा दिए गए हैं और इस कार्यवाही से उदयपुर शहर देश-प्रदेश में अव्वल स्थान पर है। कलक्टर ने मौजूद विभागीय अधिकारियों से इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके लिए पहले संपूर्ण शहर में जहां-जहां भी तम्बाकू पदार्थों के विज्ञापन लगे थे उनकी फोटोग्राफी करवाई गई और इन चिह्नित स्थानों से विज्ञापन हटवाते हुए पुनः फोटोग्राफी करवाई गई।
स्टडी रिपोर्ट में भी हुई पुष्टि:
इस दौरान उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के डॉ. सुनील चौधरी ने कोटपा अधिनियम के संबंध में उदयपुर शहर के 160 विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर की गई कम्पलायन्स स्टडी की रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें प्रभावी कार्यवाही किए जाने की पुष्टि हुइ्र। चौधरी ने रिपोर्ट में बताया कि इसमें 93 प्रतिशत स्थानों पर ‘नो स्मोकिंग’ के चेतावनी बोर्ड पाए गए वहीं 90 प्रतिशत स्थानों पर सिगरेट या बीड़ी के ठूंठ नहीं पाए गए। इसी प्रकार 93 प्रतिशत स्थानों पर एक्टिव स्मोकिंग व धूम्रपान के साधनों की उपस्थिति नहीं पाई गई व 95 प्रतिशत स्थानों पर धूम्रपान करने की गंध नहीं पाई गई।
कोटपा अधिनियम में हुई कार्यवाही:
कलक्टर पेडणेकर द्वारा की गई समीक्षा दौरान चिकित्सा विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज ने बताया कि उदयपुर शहर में तम्बाकू पदार्थों के विज्ञापन वाले 980 बोर्ड हटाए गए वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 184 तथा रेल्वे द्वारा 450 चालान बनाए गए। इसी प्रकार पुलिस द्वारा अधिनियम की अनुपालना नहीं करने पर 72 व्यक्तियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।