उदयपुर | जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) के योग विभाग के प्रथम एम.ए. योग शिक्षा के छात्रों का विदाई समारोह शुक्रवार को श्रमजीवी महाविद्यालय के सिल्वर जुबली हॉल में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति एस.एस. सारंगदेवोत ने विद्यार्थियों से कहा कि योग एक वृह्द विज्ञान है इसकी चर्चा हमारे पौराणिक ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता, विज्ञान भैरव तंत्र, योग वशिष्ठ, पांतजलि योग दर्शन में भी की गई है जैसे कि मनुष्य के चित की अवस्था एक जैसी नहीं होती वैसे ही योग का कोई एक स्वरूप नहीं है। राजयोग राजसी व्यक्ति के लिए, हठ योग तामसिक व्यक्ति और प्रसादी व्यक्ति के लिए, भक्ति योग सात्विक व्यक्ति के लिये, लय योग संगीतज्ञ के लिए, कुंडलीनी योग तपस्वियों के लिये इस्तेमाल होता है परन्तु आज के युग में जहां ज्यादातर लोग तनाव, चिन्ता, रोग, दुःख एवं अनेक प्रकार की समस्याओं से घिरे हुए है उन्हें कोई एक योग नहीं बल्कि समग्र योग का अभ्यास कराना जरूरी हो गया है। विशिष्ट अतिथी एयरपोर्ट कंमाडेण्ट जी.एम. अंसारी, डॉ. एस.बी. नागर, डिप्टी रजिस्ट्रार रियाज हुसैन, डॉ. संजय शर्मा थे। प्रारम्भ में समन्वयक डॉ. दिलीप सिंह चौहान ने अतिथियों का परिचय तथा योग के बारे में बताते हुए कहा कि योग से हम जीवन को अनुशासित कर सकते है, योग से शारीरिक तंदुरूस्ती आती है। कार्यक्रम में योग के ३० विद्यार्थियों को किट देकर सम्मानित किया
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