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आचार्य महाप्रज्ञ ने अपने व्यक्तित्व व कर्तृत्व से मार्ग दर्शन दिया

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12 Jul 18
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आचार्य महाप्रज्ञ ने अपने व्यक्तित्व व कर्तृत्व से मार्ग दर्शन दिया उदयपुर। महापुरुषों का जीवन अखण्ड एंव कालजयी होता है, समय की परतें उसे आवृत नही कर सकती यह विचार ‘महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण की सुशिष्या शासनश्री साध्वी श्री गुणमाला जी ने आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के ९९वें जन्मदिवस ’प्रज्ञा दिवस’‘ पर विज्ञान समिति में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।
साध्वी श्री बताया कि तेरापंथ धर्मसंघ का इतिहास अनुसंधान व विकास का इतिहास रहा है, आचार्य महाप्रज्ञ ने अपने व्यक्तित्व व कर्तृत्व से उसे युगीन मार्ग दर्शन दिया है । साध्वी श्री लक्ष्य प्रभाजी एंव साध्वी श्री नव्य प्रभाजी ने भी आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर सभा अध्यक्ष सूर्य प्रकाश मेहता, महिला मण्डल अध्यक्षा लक्ष्मी कोठारी, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अध्यक्ष निर्मल धाकड, विज्ञान समिति अध्यक्ष के एल कोठारी, सभापूर्व अध्यक्ष आर एल जैन, पुष्पा जी कर्नावट, डा. संजीव बाबेल ने भी विचार व्यक्त किये । बजरंग जी आदि ने गीत का संगान किया। मंगलाचरण महिला मण्डल की बहिनों द्वारा किया गया। संचालन सभा मन्त्री प्रकाश सुराणा द्वारा एंव आभार मिडिया प्रभारी अभिषेक पोखरना द्वारा किया गया ।
प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी आचार्य महाप्रज्ञ जन्मदिवस पर अणुव्रत समिति द्वारा अणुव्रत सेवा सम्मान कार्यक्रम भी साथ ही आयोजित हुआ । मुख्य वक्ता नारायण सेवा संस्थान के कैलाश जी मानव, अणुव्रत समिति संरक्षक गणेश जी डागलिया द्वारा भी विचार व्यक्त किये। समिति कार्यक्रमों की जानकारी समिति अध्यक्ष अरूण जी कोठारी द्वारा दी गई। अणुव्रत गीत का संगान कान्ता कोठारी द्वारा किया गया। इस वर्ष का अणुव्रत सेवा सम्मान पुरूस्कार हातिम अली कानोड वाला को प्रदान किया गया।

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