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परोपकार से आत्मसंतोष से अनुभति

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07 Jul 18
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उदयपुर । नारायण सेवा संस्थान के बडी ग्राम स्थित सेवामहातीर्थ में श्रीराम-कृष्ण कथा एवं ’अपनों से अपनी बात‘ में शुक्रवार को व्यासपीठ से कैलाश मानव ने कहा कि मन-बुद्धि, इंद्रियों की वासना को समाप्त करना है तो हृदय में परमात्मा की भक्ति का दीप जलाना पडेगा। हर एक मनुष्य के जीवन का मूल उद्देश्य कर्म, भक्ति एवं परमार्थ ही होना चाहिए। सांसारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, लेकिन ईश्वरीय भक्ति, साधना, ध्यान, परोपकार के बाद नहीं बल्कि आनंद तथा आत्मसंतोष की अनुभूति प्राप्त होती है। कथा में प्रशांत अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर हुआ। संचालन महिम जैन व ओमपाल सीलन ने किया।

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