उदयपुर । जैन समाज मे हाने वाले शादी समारोह और मांगलिक कार्यक्रमों मे 21 से ज्यादा व्यंजन नही बने और व्यंजनों की सीमा निर्धारित हो इसको लेकर जेएसजी मेवाड़ रिजन के बैनर तले जैन सोश्यल गु्रप विजय, उदयपुर ने अपने सिग्नेचर प्रोजेक्ट की गति मे तेजी लाते हुए जैन सोशल उदयपुर के सभी 20 गु्रप्स व संगिनी के पदाधिकारियो के साथ भैरव बाग मे बैठक का आयोजन किया। बैठक मे 80 पदाधिकारी उपस्थित हुए तथा प्रत्येक पदाधिकारी से सुझाव लिए गए। मेवाड़ रिजन के चेयरमैन ओ पी चपलोत, चेयरमैन इलेक्ट आर. सी. मेहता व मोहन बोहरा ने भी अपने विचार प्रकट किये।
प्रोजेक्ट के संयोजक व अधिकतम 21 व्यंजन मुहिम के प्रणेता अनिल नाहर ने विस्तृत में सभी पदाधिकारियो से चर्चा कर सभी के अमूल्य सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज सेवा का पहला प्रकल्प यही है कि हर सुधारात्मक निर्णय का सम्मान करते हुए इसके क्रियान्वयन की पहल से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच कर समाज मे हो रही फिजूल खर्ची एवं देखादेखी होड़ की पृवत्ति को नियंत्रित करना होगा यह तभी सम्भव होगा कि पहले हम सभी एक विचारो के साथ संकल्पित हो और फिर समाज को संकल्पित करे। बैठक मे सभी ने जोर शोर के साथ मुहिम का स्वागत करते हुए अपने परिवार एवं रिश्तेदारों मे अधिकतम 21 व्यंजन बनाने का आश्वासन दिया।
बैठक मे मुख्य रूप से 40 पदाधिकारियो ने एक स्वर मे यह सहमति प्रदान करते हुए कहा कि जैन समाज मे आयोजित प्रीतिभोज में जहा 21 से अधिक व्यंजन बनेंगे वहा हम भोजन नही करेंगे। स्वागत उद्बोधन जेएसजी विजय के अध्यक्ष गुणवंत वागरेचा ने दिया। धन्यवाद सचिव गोपाल बम्ब ने दिया।।
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